अंशिका ओझा,
रांची: राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के पंडाल पश्चिम बंगाल की तर्ज पर अब काफी प्रचलित और आकर्षित बनने लगे हैं. दुर्गा पूजा के पंचमी के दिन से अधिकतर पंडालों के पट आम लोगों के लिए खोल दिये जाते हैं. पूरे झारखंड से ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल, बिहार, ओड़िशा से लोग पूजा के दरम्यान रांची पहुंचते हैं. राजधानी में 65 से अधिक पूजा पंडालों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना होती है. खास कर पंडाल और विद्युत साज-सज्जा लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं. इस बार रेलवे दुर्गा पूजा समिति, राजस्थान मित्र मंडल, चंद्रशेखर आजाद दुर्गा पूजा समिति, भारतीय नवयुवक संघ, ओसीसी क्लब, कोकर दुर्गा पूजा समिति, बड़गांई दुर्गा पूजा समिति, आरआर स्पोर्टिंग क्लब, कला संगम समेत अन्य पूजा पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
बीएनएन भारत संवाददाता ने बुधवार को रांची के कुछ पूजा पंडालों का दौरा कर, वहां का जायजा लिया.
इसी क्रम में अल्बर्ट एक्का चौक पर 48 वर्ष से भव्य पूजा करनेवाली समिति ‘चंद्रशेखर आजाद क्लब’ की तैयारियों पर भी हमने नजर दौड़ायी. इस बार पूजा पंडाल का प्रारूप थाईलैंड का बौद्ध मंदिर है. पूरे पूजा की कुल लागत तीस लाख रुपये की है. पूजा पंडाल का मुख्य आकर्षण अंदर का मां का दरबार है, जो काफी मनोरम होगा और दर्शनार्थियों और श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र होगा. क्लब के संस्थापक सदस्य महासचिव रामानंद ठाकुर का कहना है कि इस पर बारिश के कारण पूजा पंडाल निर्माण में कुछ व्यवधान हुई है. हमारे सदस्यों के अथक प्रयास से हम भक्तों के बीच भव्य पूजा पंडाल का अवलोकन कराने जा रहे हैं शहर के मुख्य मार्ग और बीचोंबीच पूजा पंडाल होने के कारण यहां भक्तों का तांता लगातार लगा रहता है.
वहीं रांची रेलवे दुर्गा पूजा समिति 1947 से लगातार दुर्गा पूजा करता रहा है. इस वर्ष दर्शनार्थियों को केरल के सबरीमाला मंदिर का प्रारूप इस समिति की ओर से दिखाया जाएगा. यहां पारंपरिक पूजा की जाती है. पूजा में 40 से 50 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. षष्ठी के दिन से पूजा पंडाल का पट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाएगा. इस पूजा पंडाल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं प्रशासनिक सुरक्षा के अलावा सीसीटीवी कैमरा समिति के सदस्यों के द्वारा भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से निगरानी की जाएगी.
राजस्थान मित्र मंडल ने कहा, रांची करता रहा है कई वर्षों से भव्य और आकर्षक पूजा का आयोजन
मुस्कुराइए आप राजस्थान मित्र मंडल में हैं, यह कहना है राजस्थान मित्र मंडल के आयोजक सदस्यों का राजस्थान मित्र मंडल राजधानी रांची में लगातार कई वर्षों से भव्य और आकर्षक पूजा का आयोजन करता रहा है. पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था का दावा करने वाले राजस्थान मित्र मंडल के सदस्यों का कहना है कि हर जगह पर पॉकटमारो से सावधान ऐसे शब्द का अलाउंसमेंट प्रत्येक पंडालों में किया जाता है पर हमारे पंडाल की खासियत है कि आप निर्भीक और निष्पक्षता के साथ पूरे परिवार के साथ हमारे पूजा पंडाल और मेले का आनंद ले सकते हैं. हमारे सदस्य पंचमी के उद्घाटन के साथ ही आप लोगों के लिए पूरी तत्परता और सजगता के साथ पूरे दशमी के विसर्जन तक आपके बीच रहेंगे.
पूजा पंडाल का जो अवलोकन होगा दर्शनार्थियों के द्वारा वह प्रारूप बैंकॉक के बौद्ध मंदिर का है. पंडाल परिसर में जो मेला लगेगा उसमें पूरे परिवार के साथ आकर आप आनंद उठा सकते हैं और सिर्फ 1 दिन के लिए नहीं आप पूरे दसवीं तक हर दिन यहां आए और मां के दरबार का आनंद उठाएं. दशमी के दिन विशेष तौर पर भोग का वितरण श्रद्धालुओं के बीच किया जाता है. मां का विसर्जन शोभायात्रा विशेष तौर पर पालकी में किया जाता है. इस विसर्जन शोभायात्रा का दर्शन भी अपने आप में भक्तों को काफी आनंदित करता है. आयोजकों का दावा है कि प्रतिदिन यहां पर 10 से 15000 लोगों का तांता लगा रहता है और सभी के बीच सामान्य रूप से महाभोग का वितरण किया जाता है. आयोजकों का दर्शनार्थियों के लिए आग्रह है कि आप सपरिवार मुस्कुराते हुए निर्भीकता के साथ पूरे पांचों दिन मां के दरबार में अवश्य पधारें.