चांद किशोर,
लखीसराय (बिहार): बिहार राज्य का एक जिला लखीसराय और इस जिले के बड़हिया प्रखंड का एक पंचायत लक्ष्मीपुर. यहां की सड़कें अपनी बदहाली पर रो रही है, क्योंकि यहां सड़क बनाने या बनवाने का काम नहीं होता बल्कि सड़कों पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जाती है.
5 वर्ष पहले चुनाव के समय इस सड़क की कुछ गड्ढों को भरा गया था जो पहली बरसात भी नहीं झेल सकी थी. तबसे आज तक लगभग 5 वर्ष बीत गए कोई सुध लेने वाला नहीं.
अब बिहार इलेक्शन नजदीक है तो अब इलेक्शन के ठीक पहले मुखिया और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सड़क के नाम पर वोट मंगा जाएगा और इसी क्रम में सड़क का निर्माण भी करवाया जाएगा.
मतलब साफ है यहां के मुखिया और नेताओं को जनता की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं है. उन्हें सिर्फ वोट से मतलब है और वोट मांग कर जाने के बाद आपको सांसद और विधायक का दर्शन 5 साल बाद ही होगा.
इस बात को लेकर बी एन एन की बातचीत पंचायत समिति विकास कुमार से हुई. इनका कहना है कि ” यहां लोगों का एक ऐसा ग्रुप सक्रिय है जो आये दिनों वोट बैंक कैसे बढ़ाया जाए इसपर काम करता है, किस तरह से जनता को बरगलाया जाए, झूठ सच बोलकर किस तरह से जनता का वोट लिया जाए.
आगे उन्होंने कहा कि आदर्श लक्ष्मीपुर वाला सड़क भी राजनीतिक साजिश की वजह से नहीं बना है, उसमें पंचायत के प्रतिनिधि और ठेकेदार मिलकर साजिश कर रहें हैं.
इस कोरोना महामारी के समय भी पंचायत प्रतिनिधि का रवैया ठीक नहीं है. लोगों को किसी प्रकार की सहायता नहीं की जा रही है. सरकारी महकमा भी भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहा है. जबकि लक्ष्मीपुर पंचायत के पंचायत समिति विकास कुमार के द्वारा इस मामले पर कई बार आवाज उठाई गई है तथा कई बार जिला पदाधिकारी को भी सूचित किया गया है.