इस्लामाबाद: पाकिस्तान में दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर नकेल कसने के लिए इमरान सरकार ने एक सख्त कानून को मंजूरी दे दी है. पाकिस्तान की कैबिनेट एक बलात्कार संबंधी मामलों में दो अध्यादेशों को मंजूरी दी है, जिसके मुताबिक बलात्कार के दोषी पाए गए व्यक्ति को सहमति से रासायनिक रूप से नपुंसक किया जाएगा. साथ ही दुष्कर्म के मामलों में सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन को भी मंजूरी दी गई है.
यदि किसी दुष्कर्म के आरोपी पर दोष साबित हो जाता है तो उसकी अनुमति से रासायनिक बधिया या कैमिकल कास्ट्रेशन एक रासायनिक प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति के शरीर में रसायनों की मदद से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए यौन उत्तेजना कम या खत्म की जा सकती है.
पाकिस्तान के संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में विधि मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में बलात्कार विरोधी अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई.
कानून मंत्री नसीम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दोषी को नपुंसक बनाने से पहले उसकी सहमति लेना अनिवार्य है. यदि सहमति लिए बिना बधियाकरण का आदेश दिया जाता है तो दोषी आदेश को कोर्ट के समक्ष चुनौती दे सकता है.
नसीम के मुताबिक, अगर कोई दोषी बधिया करने के लिए सहमत नहीं होगा तो उस पर पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के अनुसार कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा का प्रावधान पाकिस्तान के कानून में है.