संजीत कुमार,
देवघर: शुक्रवार को नगर थाना क्षेत्र के सुभाष चौक के समीप स्थित डॉ रीता ठाकुर के क्लीनिक में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजन डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे व नवजात की जानबूझकर हत्या करने का आरोप लगा रहे थे. क्लीनिक में हंगामा होने की सूचना पर नगर थाना के पीएसआई प्रवीण कुमार, एएसआई श्रीकांत बाजपेई सदल बल मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया.
घटना के संदर्भ में महिला के भाई सीमावर्ती बिहार प्रांत के जमुई जिले के सोन्हो निवासी राकेश कुमार द्वारा पुलिस को दिए गए लिखित शिकायत में उन्होंने कहा है कि उनकी बहन रजनी कुमारी गर्भवती थी और उनका इलाज डॉ रीता ठाकुर के क्लीनिक में चल रहा था. शुक्रवार अहले सुबह ढाई से 3:00 के बीच वह अपनी बहन को लेकर डॉ रीता ठाकुर के क्लिनिक पहुंचे. तो डॉक्टर ने जांच कर उन्हें बताया कि ऑपरेशन कर बच्चा निकालना पड़ेगा. जिसके लिए उन्हें 80 हजार रुपए देने पड़ेंगे. उन्होंने डॉ रीता ठाकुर से कहा कि वे लोग साधारण आदमी हैं इतना पैसा नहीं दे सकते हैं और कुछ पैसे कम करने की बात कही.
उसके बाद उन्होंने डॉक्टर को 20 हजार रुपए दिया और कहा कि आप ऑपरेशन शुरू कीजिए शेष पैसा व्यवस्था करके दे देंगे. उसके बाद सुबह करीब 8:30 से 9:00 के बीच उन्होंने पुनः 20 हजार रुपया डॉक्टर को दिया और उनसे कहा कि शेष पैसा शाम तक व्यवस्था करके दे देंगे. उनके इतना कहते ही डॉक्टर रीता ठाकुर आग बबूला हो गई . तुम मेरे साथ चालबाजी कर रहे हो इसका मजा मैं तुम्हें तुरंत चखा दूंगी.
इसके थोड़ी देर बाद ही डॉ रीता ठाकुर ने भीतर से खबर भिजवाई कि बच्चा मर गया है. यह सुनते ही वह डॉक्टर के आगे हाथ पैर जोड़ने लगे. तो वह गुस्से में बोली की बनिया गिरी करने का यही अंजाम होता है. उन्होंने दावा किया है कि डॉ रीता ठाकुर ने उनकी बहन के बच्चे को जो लड़की थी और जीवित अवस्था में थी. पैसा लेने के पहले डॉक्टर रीता ठाकुर ने कहा था कि आपकी बहन एवं उसका बच्चा जो जन्म लिया वह बिल्कुल स्वास्थ्य है.
लेकिन डॉक्टर ने जानबूझ कर बच्चे की हत्या कर दी. उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने जानबूझकर उनकी बहन के बच्चे की हत्या कर दी है. मामले में उन्होंने शिकायत देकर आरोपी डॉक्टर के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.