रांची: 18 जनवरी को रांची नगर निगम के नए भवन का उद्घाटन किया गया था और उसी वक्त यह घोषणा की गई थी कि नगर निगम परिषद की बैठक नए भवन में ही आयोजित की जाएगी. घोषणा के अनुसार, नगर निगम परिषद की बैठक आयोजित की गई. निगम की बैठक की शुरुआत होते ही हंगामा शुरू हो गया और बैठक को आधे घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा. नगर निगम के वार्ड 28 के पार्षद ओम प्रकाश ने कहा कि मेयर ने मेरा अपमान किया है. बोर्ड के साथ बदतमीजी की है.
पार्षद ने कहा कि नगर निगम परिषद का बैठक हर महीने होनी तय है. उन्होंने पूछा कि बैठक क्यों नहीं की जा रही है. इस पर महापौर द्वारा कहा गया कि जिसे बैठना है वह बैठे और जिसे नहीं बैठना है, वे चले जाए. ये पार्षदों का अपमान है. हम दोनों रांची के भले के लिए बैठे हैं. मेयर ने सभी 53 पार्षदों का अपमान किया है. मेयर अगर कह दे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.
इस विवाद को लेकर मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि पार्षदों को एक्ट की जानकारी नहीं है. इतने पुराने पार्षद होने के बावजूद भी निगम का काम करने की जगह अन्यन पार्षदों को भड़काने का काम करते हैं. ऐसे लोग बैठक को कभी नहीं चलने देते, ऐसे लोगों का कभी नहीं चलेगा. बिना मतलब के इस तरह का काम नहीं करना चाहिए. जो एजेंडा है और जो उन्हें लगता है उसी विषय को बैठक में लाना चाहिए.
आशा लकड़ा ने कहा कि कोरोना के वक्त में भी लगातार मीटिंग करने के लिए पत्रचार किया गया. हो सकता है कि निगम में कोई बीमार हो या कोई अधिकारी उपस्थित नहीं हो, इस वजह से मीटिंग नहीं हो पाई. उन्होंने कहा कि आज हुई घटना से उन्हें दुख नहीं होता, क्योंकि इस तरह के वाक्याय का 7 सालों का अनुभव है.
बैठक स्थगित होने के बाद पुनः प्रारंभ हो गयी है. इस बैठक में महापौर आशा लकड़ा, उप महापौर संजीव विजयवर्गीय, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, कांके विधायक समरी लाल, उप नगर आयुक्त शंकर यादव, सभी 53 वार्ड के पार्षद समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद हैं.