रांची: कभी सरकार इनके इशारे पर चलती थी. पूरा प्रशासनिक तंत्र उनके आदेश पर काम करता था. अब खुद उन्हें सरकार के आदेश का इंतजार है. कई अधिकारियों का आदेश निकल रहा है, पर उनका नाम सूची में नहीं आ रहा है. इस अधिकारी का नाम डॉ सुनील कुमार बर्णवाल हैं. रघुवर सरकार में वह मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव थे. उनके पास सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी था.
नई सरकार आते बदला परिदृश्य
सत्ता में नई सरकार के आते ही परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है. बर्णवाल को इस पद से हटाकर कार्मिक में योगदान देने का निर्देश दिया गया है. हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दूसरे ही दिन यानी 30 दिसंबर को इस संबंध में आदेश जारी किया गया.
कई अफसरों को अतिरिक्त प्रभार
कार्मिक में योगदान दिये करीब एक महीने होने को है. इसके बाद भी बर्णवाल की पोस्टिंग कहीं नहीं की गई है. हालांकि इस बीच अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव स्तर के कई अधिकारियों का तबादला किया गया. कई अफसरों को अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया.
वेतन भी नहीं मिलेगा
पदस्थापन की प्रतीक्षा के दौरान बर्णवाल को वेतन भी नहीं मिलेगा. नियम के अनुसार उनके किसी विभाग में योगदान देने के बाद ही वेतन मिल सकेगा. बताया जाता है कि वर्तमान सरकार बर्णवाल को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बनाना चाहती है. इसके लिए उनका नाम चुनाव आयोग को भेजा गया है.