रांची : हजारीबाग में अस्पतालों एवं नर्सिंग होम के मनमानी की शिकायत हमेशा से मिलती रही है । लाख शिकायतों के बावजूद जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस प्रबंध नहीं किया गया है शायद यही कारण है कि मरीजों की मौत और उग्र परिजनों के द्वारा तोड़फोड़ की घटनाएं हजारीबाग में आए दिन बीत रही है ।हजारीबाग सदर थाना क्षेत्र के कोनार नदी पुल के समीप क्षितिज अस्पताल में टाटीझरिया निवासी विनोद कुमार उम्र 42 वर्ष की आज मौत हो गई परिजनों के अनुसार मौत का समय लगभग 11:00 बजे बताया जाता है परिजनों ने आशंका जताई कि सुबह से ही उन्हें अपने मरीज से मिलने नहीं दिया गया और दबाव बनाने पर उन्हें धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया । जिससे उनके हाथ की उंगलियां भी चोटिल हो गई ।अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मोटी रकम जमा कराने के पश्चात उन्हें यह कह दिया गया कि वे एंबुलेंस मंगवा लें और अपने मरीज को रांची ले जाएं हालांकि एंबुलेंस लाने का मोटी रकम देने की पेशकश भी परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को किया परंतु प्रबंधन ने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।अंत में मरीज के परिजनों ने रांची से मशीन वाली एंबुलेंस बुलाई जिसमें चिकित्सक भी मौजूद थे परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सक ने जब मरीज को देखा तो उन्हें मृत घोषित कर दिया और उन्हें रांची ले जाने से इंकार कर दियाइसी बीच अस्पताल के कर्मी एवं चिकित्सक फरार हो गए मरीज के परिजनों ने बताया कि यह सब ड्रामा केवल पैसे की वसूली करने के लिए था शायद यही कारण है कि उन्हें मृतक मरीज के मृत हो जाने की जानकारी नहीं दी गई ।मरीज के मौत की खबर पाकर मृतक के परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा किया जिससे अस्पताल प्रबंधन को काफी क्षति हुई है अस्पताल प्रबंधन ने अपनी तर्क देते हुए कहा है कि मौत दिन के लगभग 3:00 बजे हुई है जो कि एंबुलेंस लाने में देरी होने के कारण हुई ।हालांकि प्रबंधन ने यह भी दावा किया कि मृतक को भारी छूट भी दी गई है ऐसे में चिकित्सकों की कोई सुरक्षा नहीं रहने पर उन्हें अस्पताल से बाहर जाना पड़ा है ।मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को तो शांत करा लिया लेकिन बड़ा सवाल सामने आकर खड़ा है कि आखिर मौत हुई तो उसका समय क्या था इसके लिए जरूरत है हजारीबाग जिला प्रशासन को संज्ञान लेने की और डॉक्टरों की टीम गठित कर पोस्टमार्टम कराने की ताकि मौत के समय का आकलन हो सके और दूध का दूध पानी का पानी हो जाए ।