सरायकेला – खरसावां : जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में हमेशा हाथियों का उत्पात चरम पर रहा है. इसके कारण ग्रामीणों व किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इतना ही नहीं बल्कि हर साल दर्जनों लोग अपनी जान गवां देते लैं. लेकिन, सरकार व वन विभाग की ओर से आज तक लोगों के लिए कोई विशेष पहल नहीं हुई.
जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के कादला गांव के शालटांड़ टोला में रविवार की रात दो हाथी ने दर्जनों खेतों के मकई, सब्जी व धान का बिचड़ा नष्ट कर दिया. हाथियों ने खुदीराम महतो के मकई, गंगाधर महतो के धान का बिचड़ा, श्यामसुंदर महतो के बरबट्टी, गाजीराम महतो के मकई व बरबट्टी को नष्ट कर दिया. इसके अलावा लाकड़ी गांव के श्मशानटांड़ व डुंगरीडीह टोला के किसानों की भी फसल नष्ट कर दिया.
वहीं, शनिवार देर रात को जिले के चांडिल प्रखंड के चालकबेड़ा में शनिवार की मध्यरात्रि को जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया। 15 – 16 हाथियों का झुंड गांव में करीब एक घंटा तक रहा और केला, कटहल, आम के पेड़ों में लगे फल को चट कर गया. खेत मे लगे धान के बिचड़े को भी रौंदकर नष्ट कर दिया. इससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा. गांव के पारा शिक्षक भीष्मदेव सिंह मुंडा के घर को भी क्षतिग्रस्त किया गया. हाथियों के झुंड ने चालकबेड़ा नव प्राथमिक विद्यालय के कमरा के दरवाजा को तोड़कर मिड डे मील के लिए रखे डेढ़ क्विंटल चावल को चट कर गया. इसके अलावे स्कूल के बर्तन को भी क्षतिग्रस्त किया. जंगली हाथियों का उत्पात यही नहीं थमा स्वर्णरेखा मॉडल नर्सरी में लगे पौधे एवं सिंचाई के लिए रखे पाइप को भी काफी नुकसान पहुंचाया. हाथियों के इस उत्पात के बाद गांव के लोग काफी डरे- सहमे हुए हैं. आए दिन हाथियों के गांव में दस्तक देने से लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं.
विगत एक महीने पहले चांडिल के कांडरबेड़ा गांव में घुसकर एक वृद्ध को पटककर मार डाला था. हाथियों के उत्पात और नुकसान से ग्रामीण डरे सहमे रहते हैं तो वहीं वन विभाग के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हैं. समय समय पर ग्रामीणों द्वारा सड़क जाम, वन विभाग कार्यालय का घेराव, धरना प्रदर्शन किया जाता है.
इस साल 17 मार्च को लोकसभा में रांची सांसद सदस्य संजय सेठ ने जंगली हाथियों का मामला उठाया था. उन्होंने सदन में कहा था कि झारखंड में अब हाथी मेरे साथी नहीं हुए. जंगली हाथियों द्वारा ग्रामीणों के घर, फसल नष्ट करने तथा स्कूल के मिड डे मील खाने का भी जिक्र किया था. इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र के सिल्ली, राहे, सोनाहातू के साथ ईचागढ़ विधानसभा में हाथियों के उत्पात मचाने का मामला बताया था. संजय सेठ ने केंद्र सरकार से मांग भी किया था कि ऐसी कोई व्यवस्था हो जिससे हाथियों के गांव में प्रवेश करने से पहले ग्रामीणों को सूचना मिले और गांववाले अलर्ट हो सके. परन्तु आज तक राज्य सरकार या केंद्र सरकार की ओर से किसी तरह की पहल नहीं हुई.