लोहरदगा: उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में पहाड़ों के आसपास की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करते हुए अतिक्रमण वन भूमि/सरकारी भूमि पर वृक्षारोपण करने एवं पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई.
बैठक में उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि सभी अंचल अधिकारी वैसे भूमि को चिन्हित कर प्रतिवेदन सौंपे, जहां वन भूमि/सरकारी भूमि (शहरी/ग्रामीण) पर अतिक्रमण हो रहा हो या किसी ने अतिक्रमण कर रखा हो. अगर कहीं अतिक्रमण है तो विधिवत कार्रवाई की प्रक्रिया अपनायी जाये.
वैसे भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर वृक्षारोपण किया जाना है. सड़क के किनारे भी अगर अतिक्रमण हो रहा है, तो उसे चिन्हित किया जाय. 15 दिनों के भीतर अतिक्रमण से संबंधित सभी बिंदुओं की जांच कर प्रतिवेदन दें.
अतिक्रमित क्षेत्र में सरकारी भूमि का बोर्ड भी लगायें. अगर कोई भूमिहीन है तो संबंधित अंचल डीसीएलआर के माध्यम से अनुमण्डल पदाधिकारी को एक प्रस्ताव दें ताकि अग्रेतर कार्रवाई की जा सके.
वन प्रमंडल पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वन प्रमंडल द्वारा जिले में 15.078 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया गया है. अतिक्रमणमुक्त कराये जाने के बाद वहां पौधरोपण का भी कार्य संपन्न करा लिया गया है.
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले में हाल सर्वे में लगभग प्रत्येक अंचल में कई रैयतों के खतियान में त्रुटियां हो गई हैं, जिसमें सुधार के लिए भूमि सुधार एवं निबंधन विभाग को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा जायेगा.
सभी अंचल अधिकारियों को ऐसे मामलों से संबंधित प्रतिवेदन अगले एक सप्ताह के भीतर देने को कहा गया, ताकि संबंधित विभाग के पास प्रस्ताव अविलंब भेजा जा सके. रैयत को उसका अधिकार मिल सके. कोई रैयत अपने अधिकारी से वंचित ना रहे. सभी अंचल एक टीम बनाकर ऐसे त्रुटिपूर्ण खतियानों की सूची बना लें और प्रतिवेदन दें.
बैठक में उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, वन प्रमंडल पदाधिकारी विकास कुमार उज्जवल, डीसीएलआर मनीषा तिर्की, भंडरा की अंचल अधिकारी रंजीता टोप्पो, सेन्हा अचंल अधिकारी हरीशचंद्र मुंडा, कुडू अंचल अधिकारी कमलेश, लोहरदगा अंचल अधिकारी प्रमेश कुशवाहा और कैरो अंचल अधिकारी रूबी कुमारी व अन्य उपस्थित थे.