रांची: राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर मेयर आशा लकड़ा ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि अब कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन तेजी से हो रहा है. फिर भी इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने की दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
कोरोना जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं. संक्रमित मरीजों के स्वाब सैंपल की जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन भी प्रशिक्षित नहीं हैं. कई संक्रमित मरीजों के सैंपल दोबारा लिए जा रहे हैं. इधर, रिम्स के चिकित्सक और पारा मेडिकल चिकित्सा कर्मी भी प्रतिदिन संक्रमित मरीजों का इलाज कर स्वयं संक्रमित हो रहे हैं.
रिम्स परिसर में जहां-तहां उपयोग किए गए पीपीई किट व मास्क फेंके जा रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना है. राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या की जानकारी होने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री या स्वास्थ्य विभाग के सचिव इस मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं. शहरी क्षेत्र में कोरोना से संक्रमित कई लोग खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान भी नहीं हो रही है.
मेयर ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शहरी क्षेत्र में जल्द से जल्द लॉकडाउन की घोषणा की जाए. झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी व आम लोगों ने भी लॉकडाउन पर सहमति जताई है.
मेयर आशा लकड़ा ने पूर्व में भी मुख्यमंत्री सोरेन को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए निम्निलखित बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आग्रह किया था. परंतु इस दिशा में अबतक कोई पहल नहीं की गई.
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार को रांची समेत पूरे राज्य में 15 से 20 दिनों के लिए लॉकडाउन करना चाहिए.
पूर्ण लॉकडाउन किए बिना शारीरिक दूरी व मुंह पर मास्क लगाने के निर्देशों का अनुपालन कराना संभव नहीं है, क्योंकि शहर में सभी प्रकार के हाट, बाजार, दुकान, सभी प्रकार के सरकारी व निजी ऑफिस समेत अन्य संस्थान खोल दिए गए हैं.
राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है. जिस प्रकार प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने की आवश्यकता है.
उन्होंने ने कहा कि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के मुख्य अधिकारियों /सिविल सर्जन समेत राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व विभागीय मंत्री के साथ मुख्यमंत्री को समीक्षा कर कोविड केयर सेंटर, क्वारंटाइन सेंटर व कोरोना जांच में तेजी लाने की आवश्यकता है. राज्य के सभी सदर अस्पतालों में दवा की कमी व लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने की आवश्यकता है.