तनु कुमार,
मुंगेर: मुंगेर गंगा घाट पर विद्युत शब्दा केंद्र की सुविधा शुरू हो गई आब लोगों को दाह संस्कार के लिए सौदेबाजी से निजात मिलेगी. कोरोना काल मे शवों को जलाने के लिए लोगों को अब सौदेबाजी का सामना नहीं करना पड़ेगा. शुक्रवार को महापौर रूमा राज ने 2.15 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित विद्युत शवदाह गृह का फीता काटकर किया उद्घाटन.
वहीं इस अवसर पर महापौर रूमा राज ने कहा कि मुंगेर के लोगों की अब बरसो पुरानी मांग आज पूरी हो गई जनप्रतिनिधि होने के नाते जनहित में शहरवासियों को समर्पित किया है. और कहा कि लोगों को जहां बरसात के दिनों में शवों को जलाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था वहीं अब इस शवदाह केंद्र का कार्य शुरू हो जाने से लोगों को अब दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा वही इसका कार्य शुरू हो जाने से गंगा नदी को भी प्रदूषण से बचाया जा सकेगा.
मनमानी तरीके से अवैध वसूली पर लगेगी लगाम:महापौर ने कहा कि शमशान घाट पर जो लोगो द्वारा मनमाने तरीके से आर्थिक वसूली की जाती थी उस पर भी लगाम लगेगा जिससे आमजन व निम्न वर्गों पर बोझ कम पड़ेगा अगर किसी से अवैध वसूली की शिकायत मिली तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
आधुनिक संसाधन से लैस है शवदाह गृह:
विद्युत शवदाह गृह में एक शव को जलाने में करीब 30 से 45 मिनट का समय लगेगा. एक दिन में करीब 25 शवों का फर्निश में दाह संस्कार किया जा सकता है. स्क्रबर टेक्नोलॉजी से लैस है. जो शव जलने के दौरान निकलने वाली खतरनाक गैस और बॉडी के बर्न पार्टिकल को सोख लेता. शव का डस्ट पार्टिकल पानी के टैंक में जमा होगा.
जिससे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए रिप्रेंटिव संयंत्र लगाया गया है. शव जलाने के दौरान काले रंग के धुएं को सफेद रंग में बदल देता है और सफेद धुएं को चिमनी के द्वारा बाहर फेंक दिया जाता है . इसके साथ 500 डिग्री सेंटीग्रेट क्षमता वाले फर्निश में बिजली जाने के बाद भी एक शव को जलाया जा सकता है.
वहीं इस अवसर पर नगर आयुक्त श्रीकांत शास्त्री, नगर उपायुक्त श्याम नंदन प्रसाद सहित अन्य अधिकारी व लोग उपस्थित थे.