रांची:- रांची प्रेस क्लेब की दोपहर रविवार को प्रेम, पारदर्शी संवेदना और स्नेह से झिलमिल रही. कारण बने भोपाल से रांची प्रभा खेतान के एक सम्वाद में पहुंचे हिंदी के बहुत ही चर्चित कवि गीत चतुर्वेदी. कविता-कहानी, डायरी के अलावा श्रेष्ठ अनुवाद के नाते भी उनकी ख्याति है. क्लब की ओर से उनका परिचय कार्यकारिणी सदस्य शहरोज कमर ने कराया. स्वागत क्लब के उपाध्याक्ष पिंटु दुबे, महासचिव अखिलेश सिंह और कार्यकारिणी सदस्य अमित दास ने बुके देकर किया. गीत ने डायरी के अंश सुनाते हुए कहा कि ज्ञान का अर्थ पर्वत का शिखर नहीं है, समुद्र की तलहटी है. यदि ज्ञान का घमंड घातक है, तो अज्ञान का घमंड महाघातक है. ज्ञान जो सबसे अच्छी चीज़ सिखाता है, वह है घमंड से दूर रहना. अज्ञान जो चीज़ सबसे ज़्यादा सिखाता है, वह है ज्ञान का उपहास करना. उन्होंने बेहद प्रभावी छोटी-छोटी प्रेम कविताएं भी सुनाईं. जैसेः प्रेम इस तरह किया जाये कि प्रेम शब्द का कभी जिक्र तक न हो३., प्रेम इस तरह किया जाये कि दुनिया का कारोबार चलता रहे३, किसी को खबर तक न हो कि प्रेम हो गया खुद तुम्हें भी पता न चले३, बचना प्रेम कथाओं का किरदार बनने से वरना सब तुम्हारे प्रेम पर तरस खाएंगे३.
सवालों से भी रुबरू हुए गीत
गीत चतुर्वेदी से क्लब में जुटे प्रबुद्ध लोगों ने सवाल भी किए. जिसके माकूल जवाब भी उन्होंने दिए. मौके पर प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह, कार्यकारिणी सदस्यों में प्रियंका मिश्रा, सुनील गुप्ता, प्रभात खबर के संपादक संजय मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार श्रीनिवास, विनय भूषण, सत्यपप्रकाश पाठक, ग़ज़ल सिंगर मृणालिनी अखौरी, सुनील बादल, आलम पारसा, शिल्पी कुमारी, सोनल थेपड़ा, मुक्ति शाहदेव, रजनीश आनंद, सदानंद सिंह, सुशील सिंह मंटू, नवीन शर्मा, आनंद मोहन, प्रभात रंजन, असित कुमार, नवीन मिश्रा समेत कई पत्रकार-लेखक मौजूद रहे.