लोहरदगा: बिरसा हरित ग्राम योजना की जिला एडवाइजरी कमेटी की बैठक उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में हुई. बैठक में पेशरार व किस्को और पेशरार प्रखण्ड के प्रस्तावित गांवों में नाशपाती की बागवानी के लिए सहमति बनी. जिन गांवों में नाशपाती की बागवानी की सहमति बनी उनमें पेशरार प्रखण्ड के मन्हेपाट, रनकुल्ली, गम्हरिया, चाड़ी, पुंदाग, हुन्दी, चापरोंग, तुईमु, गढ़कसमार और बिड़नी शामिल है.
वहीं किस्को प्रखण्ड के पाखर और देवदरिया को भी नाशपाती की खेती के लिए उपर्युक्त माना गया. बैठक में उपायुक्त की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि चयनित गांवों का बारी-बारी से अगले सप्ताह से सर्वेक्षण कार्य शुरू किया जायेगा. जिला स्तर पर गठित सर्वे टीम चयनित गावों का दौरा कर इच्छुक लाभुकों से मिलेगी. साथ ही, नाशपाती की खेती के लिए आवश्यक सिंचाई के साधनों का भी सर्वेक्षण का कार्य किया जायेगा.
उपायुक्त ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नाशपाती की खेती के लिए लोहरदगा जिला का पेशरार और किस्को प्रखण्ड की जलवायु अनुकूल है. इन प्रखण्डों की जलवायु लातेहार के नेतरहाट से मिलती-जुलती है, जहां नाशपाती की खेती बहुतायत में होती है. वहां के किसान काफी अच्छा मुनाफा कमाते है. पेशरार व किस्को में इसकी खेती शुरू होने से वहां के स्थानीय लोगों के आय से स्रोत बढ़ेगें. अभी यह योजना बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत प्रारंभ की जायेगी. इसमें पौधे लगाने का खर्च भी सरकार ही वहन करेगी. पांच वर्ष में पौधे फलदार वृक्ष के रूप में तैयार हो जायेंगे. हमारा लक्ष्य 700-800 एकड़ में नाशपाती की खेती करना है.
बैठक में उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम, जिला उद्यान पदाधिकारी एमलेन पूर्ति, डीडीएम नाबार्ड, जिला आकांक्षी पदाधिकारी वरूण शर्मा, जिला आकांक्षी पदाधिकारी दिव्या तिवारी, जेएसएलपीएस के जिला समन्वयक सुजीत बारी, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे.