बिहार: बिहार युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुंजन पटेल ने प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया को शुरू करने के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा. उन्होंने इस मौके पर बताया कि युवा कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार दो अभियान चला रही है. हम सभी युवाओं को उनका हक एवं अधिकार दिलाने की निर्णायक लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
बिहार में भी बेरोजगारी दर सातवें आसमान पर है. सीएमइआई के अनुसार बिहार में बेरोजगारी दर 46% से 49% के बीच है. यानि एक अनुमान के मुताबिक राज्य के लगभग 7 करोड़ लोग बेरोजगार हैं. इससे समझा जा सकता है कि हालात कितनी भयावह है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि जब जमीनी हकीकत इतना भयानक है तो सरकार हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है? प्रदेश में लगभग 94 हजार प्रारम्भिक शिक्षकों के पद खाली हैं और कई लाख युवा इसकी इंतजार में बैठे हैं. लेकिन न तो बहाली की कोई प्रक्रिया शुरू हो रही है और न ही सरकार की ओर से लाखों युवा अभ्यर्थियों को कोई आश्वासन मिल रहा है.
राज्य में लाखों टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी 2011 से ही बहाली की बाट जोह रहे हैं. हालांकि एक लंबे समय के बाद 2019 में बहाली की प्रक्रिया आरम्भ तो हुई थी, किंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.
इनमें से कई अभ्यर्थी गरीब, वंचित एवं शोषित वर्ग से आते हैं. जिन्हें बीएड एवं डीएलएड की पढ़ाई तक के लिए कर्ज लेना पड़ा था. किंतु इतने लंबे समय तक इंतज़ार करने के बावजूद निराशा ही हाथ लगी है और इन युवक अभ्यर्थियों में से एक बड़ा हिस्सा अवसाद से ग्रसित होता जा रहा है.
यहां तक कि बहाली में विलंब होने के कारण दो अभ्यर्थियों ने खुदकुशी तक कर ली है. उन्होंने आगे एक आम बिहारी युवक की हैसियत से सवाल पूछा है कि आखिर हर एक बहाली का मामला न्यायालय में ही क्यों जाता है? आखिर समस्या क्या है?
क्या किसी बहाली की प्रक्रिया को बिना किसी विवाद के न्यायालय में गए पूरा नहीं किया जा सकता? और जब न्यायालय ने अपने आदेश में नियोजन की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है तो सरकार सूची बनाने और प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में विलंब क्यों कर रही है?
उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि आप बिहार के मुखिया हैं, हम सभी के अभिभावक हैं, अतः आपसे करबद्ध निवेदन है कि इन लाखों युवक-युवतियों का भविष्य अंधकार में डूबने से बचा लें.
यह सिर्फ अपने-अपने परिवार ही नहीं, अपितु समूचे बिहार के भविष्य हैं और बिहार के भविष्य को बचाने की कुंजी अब आपके ही हाथों में है. इसके साथ ही साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से डेलिगेशन के मिलने और इस विषय पर विस्तार से चर्चा करने के लिए भी समय मांगा है.