सदन की कार्रवाई में शुरू से ही शोर शराबा होता रहा .झामुमो समेत विपक्ष ने राज्य की गिरती कानून व्यवस्था का प्रश्न खड़ा करते हुए सरकार को घेरा. झामुमो के सदस्य तो सदन के वेल में भी आ गए और सरकार से जवाब की मांग करने लगे.
माले विधायक राजकुमार यादव के कुछ सदस्यों ने कार्य स्थगन की मांग भी की, और शोर शराबा करते रहे. स्पीकर महोदय ने आग्रह किया कि सदन को सुचारू चलने दिया जाए तब जाकर विपक्ष में शांति आई. बाद में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत और नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सरकार पर कई आरोप लगाए और कानून व्यवस्था का सवाल खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में अंधविश्वास के कारण हत्या हो रही है.मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है.अपराधियों में कानून का डर समाप्त हो गया है.
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कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने सरकार की गंभीरता पर सवाल खड़ा कर दिया और कहा कि सरकार फास्ट फूड की तरह सदन को चलाना चाहती है. कम अवधि में केवल अनुपूरक लाने के लिए सदन आहूत किया जाता है ,जबकि विपक्ष के पास कई जन मुद्दे हैं. सुखाड़ और कई तरह की स्थिति पर सरकार की स्पष्ट नीति नहीं है. खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए अब तक स्पष्ट नीति नहीं बनी है.
हेमंत सोरेन ने भी कानून व्यवस्था का सवाल खड़ा करते हुए कहा डायन, मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है. सरकार की पकड़ अपने प्रशासन पर नहीं है.मंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं. चुनाव के लिए धन इकट्ठा किया जा रहा है.
सरकार के मंत्री अमर कुमार बावरी ने कहा की सरकार गंभीर है.डायन हत्या का मामला हो या मॉब लिंचिंग का ,कानून व्यवस्था के साथ साथ समाज को भी इस पर नजर रखनी चाहिए. सूचना मिलने पर सरकार की ओर से कठोर कानूनी कार्रवाई की जाती है और घटना में दोषी को बख्शा नहीं जाता है.
विधानसभा परिसर में बहुजन समाज पार्टी के विधायक ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत इंटर कॉलेजों में नामांकन की सीटों में कमी किए जाने पर धरना दिया. इस धरने में अपनी बातों को रखते हुए उनका साथ झामुमो विधायक कुणाल सारंगी ने दिया.