रांची: आज नवरात्र का सातवां दिन है. इसे महासप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप यानि मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति का भय दूर होने के साथ सभी परेशानियां भी ठीक हो जाती हैं. देवी का ये रूप ऋद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है.
ऐसा है मां कालरात्रि का सातवां स्वरूप
- मां कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरुप हैं.
- मां दुर्गा का ये स्वरूप काफी भयंकर है.
- इनका रंग काला है और ये तीन नेत्रधारी हैं.
- मां कालरात्रि के गले में विद्युत् की अद्भुत माला है.
- मां के हाथों में खड्ग और कांटा है और इनका वाहन गधा है.
- लेकिन ये हमेशा अपने भक्तों का कल्याण करती हैं, इसलिए इन्हें शुभंकरी भी कहते हैं.
मां कालरात्रि की पूजा की सही विधि
- मां के समक्ष सबसे पहले घी का दीपक जलाएं.
- उसके बाद मां को लाल फूल अर्पित करें, साथ ही गुड़ का भोग लगाएं.
- भोग लगाने के बाद मां के मन्त्रों का जाप करें या फिर आप सप्तशती का पाठ भी कर सकते हैं.
- गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें, बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें.
- काले रंग के वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा न करें.
मां कालरात्रि से जुड़ी कहानी
असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए देवी दुर्गा ने कालरात्रि का अवतार लिया था. मां काली निरंतर संहार करती हुई विनाशलीला रच रही थीं. इनके भयंकर स्वरूप और उत्पात से सृष्टि में हाहाकार मच गया था.ऐसे में मां काली को प्रत्यक्ष रूप में रोकने की शक्ति स्वयं आदिदेव महादेव में भी नहीं थी. तभी देवताओं के अनुरोध पर महाकाली के क्रोध को शांत करने के लिए शिव ने उनकी राह में लेटने की युक्ति लगाई थी, ताकि चराचर ब्रह्माण्ड के स्वामी और अपने पति परमेश्वर को अपने पांव के नीचे पाकर देवी शांत हों और अपने मूल रूप में वापस आएं.
मां कालरात्रि की उपासना के लाभ
- शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए इनकी उपासना अत्यंत शुभ होती है.
- भय,दुर्घटना और रोगों का नाश होता है.
- नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचाती हैं मां कालरात्रि.
- ज्योतिष में शनि को नियंत्रित करने के लिए इनकी पूजा अचूक मानी जाती है.
शत्रुओं को शांत करने के उपाय
- सफेद या लाल कपड़े पहनकर रात में मां कालरात्रि की पूजा करें.
- मां के सामने दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं
- इसके बाद 108 बार नवार्ण मंत्र का जाप करें और हर मंत्र के साथ एक लौंग चढ़ाते जाएं.
- नवार्ण मंत्र है – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे “
- मंत्र जाप के बाद 108 लौंग इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें, आपके विरोधी और शत्रु शांत हो जाएंगे.
- मकर और कुंभ राशि के जातकों को कालरात्रि की पूजा जरूर करनी चाहिए.
- किसी परेशानी में हैं तो 7 नींबू की माला देवी को चढ़ाएं.
- सप्तमी की रात्रि तिल या सरसों के तेल की अखंड ज्योती जलाएं