रांचीः इसी महीने धरती के बगल से तीसरा उल्का पंड गुजरेगा. इससे पहले इसी महीने 6 जूव और 21 मई को धरती के बगल से उल्का पिंड गुजरा था. इस उल्कापिंड का नाम 2010NY65 है. यह उल्कापिंड 46,400 किलोमीटर की रफ्तार से धरती की तरफ आ रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार यह उल्कापिंड 24 जून की दोपहर 12 बजे की करीब धरती के करीब से गुजरेगा.
यह उल्कापिंड ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से तीन गुना और दिल्ली स्थित चार मिनार से से लगभग चार गुना बड़ा है. नासा के अनुसार, यह उल्कापिंड धरती से करीब 37 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा. हालांकि वैज्ञानिक उन सभी उल्कापिंड को धरती के लिए खतरा मानते हैं, जो धरती से 75 लाख किलोमीटर की दूरी के अंदर निकलते हैं.
बीती 21 मई को भी 1.5 किलोमीटर बड़ा उल्का पिंड धरती के काफी करीब से होकर गुजरा था. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस उल्कापिंड की धरती से टक्कर होने की संभावना नहीं है लेकिन इस पर नजर रखना जरूरी है क्योंकि कभी-कभी गुरुत्वाकर्षण के चलते इस तरह के उल्का पिंड पृथ्वी के परिवेश में आखिरी समय पर भी प्रवेश कर जाते हैं.
नासा के मुताबिक, रॉक-163348 (2002 NN4) उल्का पिंड धरती के पास से रविवार को सुबह 8:20 पर गुजरेगा. धरती के इतने पास से इतना बड़ा कोई उल्का पिंड इसके बाद साल 2024 में ही गुजरेगा. इसकी गति 5.2 किमी प्रति सेकेंड है यानी यह उल्कापिंड 11,200 मील प्रति घंटा की रफ्तार से आ रहा है.