रांची : विधायक सरयू राय शुक्रवार को एसीबी के आरक्षी महानिदेशक नीरज सिन्हा से मिले और मैनहर्ट की नियुक्ति में हुए घोटाले की जांच का अनुरोध किया. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में घोर अनियमितता और पक्षपात की गयी है. उन्होंने कहा कि इस कांड की गहन जांच की जाये ताकि, षड़यंत्रकारियों को बेनकाब की जा सके. उन्होंने डीजी को लिखे पत्र में मैनहर्ट की नियुक्ति में हुए घोटाले की पूरी जानकारी का उल्लेडख किया है. उन्होंने इसकी जानकारी बिंदुवार दी है.
– निविदा अनावश्यक रूप से विश्व बैंक की क्वालिटी बेस्ड सिस्टम पर आमंत्रित की गयी. इस सिस्टम में वित्तीिय दर में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होती है. केवल उसी निविदादाता का वित्तीय लिफाफा खोला जाता है जो तकनीकी दृष्टि से बेहतर पाया जाता है.
– निविदा मूल्यांकन के दौरान पाया गया कि कोई भी निविदादाता निविदा की शर्त के अनुसार योग्या नहीं है. मूल्यांकन समिति और नगर विकास विभाग के सचिव 12 अगस्त 2005 को विभागीय मंत्री के समक्ष प्रस्ताव दिया कि निविदा को रद्द कर नयी निविदा क्वानटिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिस्टम पर निकाली जाये.
विधायक सरयू राय ने अपने लिखे पत्र में कहा है कि मैनहर्ट के नाम से जो निविदा रांची के सिवरेज-ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने के लिए निविदा डाली गयी. वो असली मैनहर्ट सिंगापुर नहीं है बल्कि इसके लिए भारत में इस नाम की संस्थापक बनाकर निविदा डाली गयी. इसकी जांच जरूरी है. अगर यह बात सही है तो यह और भी गंभीर मामला है.