रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के प्रचार के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने जोर-शोर से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका की सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर आवाज बुलंद करने का काम किया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार की ओर से यह साफ किया गया है कि फिलहाल आंगनबाड़ी सेविका तथा सहायिका की सेवा स्थायीकरण का कोई मामला विचाराधीन नहीं है.
महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आजसू पार्टी विधायक लम्बोदर महतो के एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी गयी है. विभाग की ओर से बताया गया है कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 से आंगनबाड़ी सेविकाओं, आंगनबाड़ी सहायिकाओं तभा लघु आंगनबाड़ी सेविकाओं के अतिरिक्त मानदेय में क्रमशः 500 रुपये, 250 रुपये तथा 500रुपये की वृद्धि की गयी है. लेकिन फिलहाल इनकी सेवा स्थायी करने की कोई योजना नहीं है.
आंगनबाड़ी सेविकाओं मानदेय 4500 रुपये है और अतिरिक्त मानदेय के रूप में 1900 रुपया मिल रहा है, इस तरह से इन्हें 6400 रुपये प्रति माह की दर से मानदेय प्राप्त हो रहा है. इसी तरह से सहायिका का मानदेय 2250 और अतिरिक्त मानदेय 950 यानी कुल 3200 रुपये का मानदेय और लघु आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 3500 रुपये और अतिरिक्त मानदेय 1200 के साथ कुल 4700 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिल रहा है.