दिल्ली: सशस्त्र बल की कुछ श्रेणियों के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने और पूर्व सेवानिवृत्ति लेने वाले सैन्यकर्मियों की पेंशन में कटौती की एक सिफारिश पर विचार चल रहा है. सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) ने इसका सुझाव दिया है. अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की अध्यक्षता वाले डीएमए का कदम संसाधनों और श्रमशक्ति का पर्याप्त इस्तेमाल सुनिश्चित करने पर केंद्रित सिलसिलेवार सुधारों का हिस्सा है. हालांकि, इसका पूर्व सेनाकर्मियों द्वारा विरोध भी जताया जा रहा है.
प्रस्ताव में कर्नल और समान रैंक के भारतीय सेना के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु मौजूदा 54 साल से बढ़ाकर 57 साल करने की बात कही गई है. इसी तरह, ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु मौजूदा 56 साल से बढ़ाकर 58 साल करने का प्रस्ताव किया गया है.
मेजर जनरलों के मामले में इसे मौजूदा 58 साल से बढ़ाकर 59 साल करने की बात कही गई है. अधिकारियों ने कहा कि यही आयु नियम वायुसेना और नौसेना के समान रैंक वाले अधिकारियों के लिए प्रस्तावित है.
पेंशन में कटौती का भी प्रस्ताव
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि केवल वे सैन्यकर्मी ही पूरी पेंशन के हकदार होंगे जिन्होंने 35 साल से अधिक की सेवा पूरी की होगी. मतलब अगर कोई पूरी सर्विस से पहले रिटायरमेंट लेगा तो उसे तय पूरी पेंशन नहीं मिलेगी.
लेटर में प्रस्ताव है कि 20-25 साल सर्विस देनेवाले को आधी पेंशन, 26-30 साल सर्विस देनेवाले को 60 फीसदी पेंशन मिलनी चाहिए. वहीं 31 से 35 साल सर्विस देनेवाले को 75 फीसदी पेंशन देने की सिफारिश है.