रांची: विधायक प्रदीप यादव ने वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन एवं आदिम जनजाति पेंशन इत्यादि सामाजिक सुरक्षा के लिए निर्धारित मानदण्डों में आवश्यक संशोधन की मांग की है. इस बाबत सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है.
यादव ने लिखा है कि उक्त योजनाएं महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा संचालित है. पिछली रघुवर दास की भाजपा सरकार ने 2019 में राज्य के अत्यन्त ही गरीब, वृद्धा, विकलांग एवं आदिम जनजातियों की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए पूर्व में निर्धारित मापदंडों को बदलकर मनमाने ढंग से बीपीएल सूची में दर्ज नाम ही अभ्यार्थियों के लिए अनिवार्य कर दिया है.
पूर्व में गरीब ग्रामीण क्षेत्र में 7995 रुपये और शहरी क्षेत्र में 9974 रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को लाभ प्रदान किया जाता था.
विधायक ने कहा है कि 2002 के बाद राज्य सरकार द्वारा नई बीपीएल सूची नहीं बनाई गई है. ऐसी परिस्थिति में आमजनों को बीपीएल सूची में नाम दर्ज नहीं रहने के कारण उपरोक्त लाभ से वंचित रह रहे हैं.
पिछले 18 वर्षों में BPL का Census नहीं हुआ हैं. इसे आधार माना जाएगा तो बहुत सारे गरीब सामाजिक सुरक्षा लाभ से वंचित रह जाएंगे, जो प्रथम दृष्टया एक कल्याणकारी राज्य सरकार के लिए कदापि उचित नहीं है.
विधायक ने आग्रह किया है कि 2019 में रघुवर सरकार द्वारा अव्यहारिक एवं गरीब विरोधी संकल्पों को निरस्त करते हुए पूर्व में स्थापित आय आधारित लागू आदेश को पुनः जारी करने के लिए समुचित निर्णय लिया जाए.