शिक्षा और जागरूकता ने गांव के लोगों को दिलाई रूहानी ताकतों से मुक्ति
चतरा:- कहते हैं वक्त के साथ-साथ सब कुछ बदलता हैं और जरूरत लोगों को जीना सिखा देता है. वैसे अब जमाना विज्ञान का है. सारी दुनिया चांद के पीछे है तो भला यह गांव भूत और चुड़ैल के पीछे क्यों रहता. यहां भी सब परिदृश्य बदल चुके हैं. लोगों ने भूतों के अंधविश्वास भरे दहशत से निकलकर जीना सीख लिया है. अब यहां न तो किसी में भूतों का दहशत है और ना कोई डर-भय. रात हो या दिन सुबह हो या शाम इस गांव में आप बेफिक्र घूम सकते हैं. दरअसल वाक्या चतरा जिले के नक्सल प्रभावित पत्थलगड़ा प्रखंड स्थित सुदूरवर्ती गांव मेराल की है. यह गांव चारों ओर जंगलों पहाड़ों से घिरा है. उग्रवाद प्रभावित यह गांव आजादी के कई दशक गुजर जाने के बाद भी विकास और शिक्षा से अछूता था. तब यहां कभी भूत और चुड़ैल होने का भय लोगों में इस कदर समाया हुआ था कि लोग रात हो या दिन, घरों में ही रहना महफूज समझते थे. भूत से कई लोग प्रभावित थे. अब बदलते जमाने के साथ यहां के परिदृश्य भी बदल गए. अब इस गांव में न तो किसी भूत का डर है और न किसी चुड़ैल का. अब यहां के लोग भी अंधविश्वास की जंजीर से निकल चुके हैं. आज से कुछ वर्ष पहले मेराल पंचायत के मेराल गांव में भूत और चुड़ैलों होने के अंधविश्वास ने लोगों को परेशान कर रखा था. परंतु आज यहां के लोगों की जरूरत ने भूत और चुड़ैल होने के अंधविश्वास से उन्हें बाहर निकाल दिया है और अब सभी यहां बेफिक्र रहते हैं. यहां के स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि उन्हें अब न तो किसी भूत का डर है और न किसी चुड़ैल का. हां वर्षों पूर्व गांव के एक विद्यालय के पास चुड़ैल होने की बात होती थी. परंतु अब यहां वैसी कोई बात नहीं है. यहां के लोग दिन-रात, दोपहर आवागमन करते हैं. परंतु उन्हें कहीं कोई चुड़ैल या भूत नहीं दिखता और ना ही ऐसे अंधविश्वास से यह गांव कभी प्रभावित होता है.
गांव में भूत या चुड़ैल होने की खबर गलत : मुखिया
मेराल मुखिया भरत सिंह भोक्ता कहते हैं कि गांव में चुड़ैल या भूत होने की अफवाह गलत है. गांव में चुड़ैल से ग्रामीण परेशान है इस प्रकार की वायरल खबरें लोगो में भ्रम की स्थिति पैदा करता है जो पूर्णतः गलत है. हम प्रत्येक दिन इस गांव में जाते हैं कहीं कोई चुड़ैल या भूत होने की बात नहीं आई. बताते हैं कि कुछ टीवी चैनलों पर गांव में भूत होने की खबरें चलाई जा रही है जो पूरी तरह से भ्रामक है.
क्या कहती हैं प्रखंड विकास पदाधिकारी
प्रखंड विकास पदाधिकारी मोनी कुमारी ने बताया कि मेराल गांव में चुड़ैल या भूत से लोगों के परेशान होने से संबंधित वायरल खबरें निराधार है. कहती है कि पंचायत सेवक, रोजगार सेवक व अन्य कई प्रखंड व अंचल कर्मी प्रत्येक दिन इस गांव में जाते हैं. लेकिन अंधविश्वास जैसी कोई भी बात कहीं से सामने नहीं आई. यह सब अंधविश्वास की बातें हैं.
शिक्षा और जागरूकता अंधविश्वास पर पड़ा भारी
मेराल निवासी व उत्क्रमित उच्च विद्यालय मेराल से सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक मोची राय मुंडा बताते हैं कि गुजरे जमाने में गांव के परिवेश में कई परंपराओं पर अंधविश्वास हावी होती थी. गांव में चुड़ैल और भूत होने के अंधविश्वास गुजरे जमाने की बात है. बदलते जमाने के साथ यहां के लोग भी बदले हैं. शिक्षा और जागरूकता ने अंधविश्वास की जंजीरो से लोगों को बाहर निकाला है. गांव के ही भीमसेन टूटी, प्रदीप मुढ़ू, इंद्रियस टोप्पो व अन्य भी बताते हैं कि अब यहां भूत या चुड़ैल नहीं है. पहले गांव में शिक्षा का अभाव था. बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव था. लेकिन अब शिक्षा के बुनियादी सुविधाएं के साथ-साथ यहां विकास के कई कार्य हुए. लिहाजा यहां के परिदृश्य भी बदल गए हैं और लोगो को भूत-प्रेत जैसी रूहानी ताकत यानी अंधविश्वास से मुक्ति मिल चुकी है.