BNN Desk: DRDO जहां देश की रक्षा अनुसंधानों के लिए एक अग्रिणी संस्था के रूप में जानी जाती है, वहीं यह संस्था कोरोना महामारी के इस दौर में एक बड़ी एवं अहम भूमिका में उभर कर सामने आयी है.
जिस प्रकार यह संस्था देश की सुरक्षा के लिए नये व प्रभावी हथियार उपलब्ध कराती है, ठीक उसी प्रकार कोरोना से युद्ध के समय देश को नये व प्रभावी स्वदेशी हथियार उपलब्ध करवा रही है, फिर चाहे वे वायरस रूपी दुश्मन को मारने के लिए हो या कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा व कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए.
इन स्वदेशी हथियारों की मदद से कोरोना की इस लड़ाई में ना केवल बड़ी मदत ही मिल रही है, अपितु इनकी निर्माण लागत कम होने के कारण देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था पर भी बोझ कम पड़ रहा है.
वैसे तो DRDO ने कई चीजें विकसित की है, परन्तु उनमें से कुछ बहुत ही प्रभावशाली व विस्मयकारी हैं. आइये जानते है एसे ही कुछ नवीन व स्वदेशी कोरोना हथियारों के बारे में-
सुमेरु पैक
डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मियों को लम्बे समय तक PPE’s किट पहनना पड़ता है अस्पतालों में, जिस वजह से उनके शरीर से पसीने का स्राव बहुत अधिक मात्रा में होता है और इस बीच वे पानी या कोई भी तरल नहीं पाते. जिससे डिहाइडरेशन, लाज्ज़िनेस यहां तक कि कई जगह पर बेहोश तक होने की नौबत आ जाती थी.
इसी को ध्यान में रखते हुए DRDO ने सुमेरु पैक नामक उपकरण विकसित किया. इससे PPE’s उपयोग करने वाले हमारे कोरोना वॉरियर्स लम्बे समय तक बिना डिहाइड्रेट हुए काम कर सकते है.
चूंकि DRDO ने यह उपकरण बहुत ही कम लागत में तैयार किया है, इसलिए इसको आसानी से सभी प्रयोग कर सकते है. यह उपकरण DRDO ने डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मियों से प्रतिपुष्टि लेने के बाद ही बनाया व विकसित किया गया है, इसलिए यह कोरोना वॉरियर्स के लिए काफी यूजर फ्रेंडली है.
सुमेरु पैक एक प्रकार का एयर सर्कुलेशन सिस्टम है जो PPE किट के अन्दर पहना जाता है. यह एक छोटा सा पैक है जिसका वजन 500 ग्राम से भी कम है. यह उपकरण इनडोर के लिए बहुत अच्छा उपकरण है.
सुमेरु पैक वातावरण से शुद्ध हवा को अन्दर इसमें लगे फिल्टर्स के माद्यम से खिचता है और अन्दर की हवा को फ्रंट फेस ओपनिंग के द्वारा बहार फेंक देता है.
जिससे पहनने वाले का गला व सर दोनों ही ठण्डे रहते है और वे आराम से अपनी 6-8 घंटे की शिफ्ट पूरी कर सकते हैं. सुरक्षा के लिहाज से भी यह उपकरण बिलकुल सुरक्षित है.
UVDT (Ultra Violet Disinfectant Tower)
DRDO ने Ultra Violet Disinfectant Tower को High Infection Prone Area को Disinfect करने के लिए विकसित किया है. इस उपकरण को Ultra Violet Blaster भी कहते हैं.
यह मुख्य रूप से एसी जगह या स्पेस के लिए बनाया गया है, जहां पर Disinfection का काम रसायनों से नहीं किया जा सकता जैसे आईटी लैब, इलेक्ट्रोनिक उपकरण या एसी मशीनरी जो केमिकल्स के परयोग से खराब हो सकती हो या केमिकल्स के माध्यम से Disinfect कर पाना संभव ना हो सके.
यह उपकरण बड़ी एवं भीड़- भाड वाली जगह जैसे एअरपोर्ट, मॉल्स, मेट्रो, बड़े ऑफिस, कार्यशालाएं इत्यादि के लिए भी काफी प्रभावी साबित हो सकता है. यह उपकरण Disinfect करने के लिए Ultra Violet Light का प्रयोग करता है. जहां 12×12 फिट के कमरे को Disinfect करने के लिए यह महज 10 मिनट का समय लेता है.
वहीं 400×400 फिट की जगह को ये केवल 30 मिनट में ही Disinfect करने की क्षमता रखता है. अगर इसको अलग-अलग जगह पर उसी कमरे में रखा जाये तो इसकी कीमत कम होने के कारण इसको आसानी से लिया जा सकता है और प्रयोग में लाया जा सकता है. वर्तमान परिस्थियों को देखते हुए यह देश के लिए एक बहुत मत्वपूर्ण हथियार साबित हो सकता है, कोरोना के युद्ध में.
USDU (Ultra Swachh Disinfection Unit)
DRDO ने यह उपकरण एक Disinfection चेंबर की तरह बनाया है जिसका मुख्य काम काफी बड़ी मात्रा में PPE’s, इलेक्ट्रोनिक उपकरण, फेब्रिक आदि को एक साथ Disinfect करना है.
इस चेंबर में ओजोन व पानी का मिश्रण स्वतः निर्मित हो कर विभिन्न चरणों में Disinfection का काम करता है. इसको औद्योगिक, व्यावसायिक, व्यक्तिगत व पर्यावरण सुरक्षा के दृष्टिकोण से अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया गया है.
यह दो वरियेंट ओजोनेटेड स्पेस व तिनेत्र तकनीकि में उपलब्ध होगा. यह प्रणाली विशेष ओजोन सीलेंट तकनीकि के साथ के साथ द्विस्तरीय है.
अल्ट्रा स्वच्छ यूनिट में एक उत्प्रेरक कनवर्टर होता है जो इसको पर्यावरण के अनुकूल बनाता है. इसमें कई सुरक्षा विशेषताएं भी हैं जैसे इमरजेंसी शट डाउन, विलम्ब चक्र, डोर इंटरलॅाक, डबल डोर, रिसाव मॉनिटर आदि. इसमें ओजोन एक निसंक्रामकके रूप में कार्य करती है.
ओजोन एक ऐसा यौगिक है जो तेजी से कार्बनिक पदार्थों, मेगनीज, आयरन आदि का ऑक्सीकरण करता है. यह अत्यधिक स्थिर होने के कारण ऑक्सीकरण में 15 से 20 मिनट का ही समय लेता है. ओजोन के इसी गुणवत्ता का प्रयोग Disinfection के लिए किया जाता है.
अल्ट्रा स्वच्छ यूनिट को चलाने के लिए 15 एम्पियर, 220 वोल्ट 50 हर्ट्ज की पावर सप्लाई की आवश्यकता होती है. इसके इंडसट्रियल केबिनेट का आकार 7’x 4’x3.25’ है जो बड़ी संख्या में Disinfection करने में सक्षम है.
DRUVS (Dubbed Defence Research Ultraviolet Senitizer)
DRUVS एक प्रकार का Novel Disinfection Box है जिसे मुख्य रूप से दैनिक प्रयोग में आणि वाली चीजों जैसे मोबाइल, पर्स, नोट, घडी, फाइल, कागज आदि को Disinfect करने के लिए बनाया गया है.
इसको अलग बनाता है इसमें लगा Proximity सेंसर जो बिना हाथ से छुए हुए मानव की उपस्थिति को भांप कर अपने कैबिनेट में लगे ड्रॅायर को खोल देता है ताकि आप उसमे अपना सामान दाल सकें.
सामान रखने के कुछ समय बाद यह ड्रॅायर स्वतः बंद हो जाता है. इसके बाद इसके अन्दर अल्ट्रा वॅायलेट किरणों की छोटी-छोटी वेव्स उत्पन्न होती है जो 360 डिग्री में इन सामानों पर लगे कीटाणु व माइक्रो ओर्गेनिज्म को मार देती है और पूरी तरह से उन सामानों को Disinfect कर देती हैं.
Disinfect होने के बाद यह अपने आप खुल जाता है और आप अपना सामान निकाल सकते है. काम के बाद यह सिस्टम खुद ही स्लीप मोड में चला जाता है. इस उपकरण को हैदराबाद में स्थित DRDO की रिसर्च सेंटर ईमारत (RCI) लैब ने विकसित किया है.
पिछले कुछ समय से DRDO ने कोरोना के युद्ध में अपना काफी योगदान दिया है . DRDO के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने हाल ही में कहा है कि, “The scientific fraternity has felt the need of the hour and want to use existing skills to creat spin off technologies.We are coming out with quick solutions and products. Scientists have been working day and night to rise to the occasions.”
DRDO द्वारा प्रदत्त ये हथियार वर्तमान में गिरती हुई अर्थव्यवस्था में कोरोना की लड़ाई को मजबूती प्रदान करने में सक्षम है और निरंतर कार्यरत है.
DRDO का ये योगदान जहां एक ओर हमें इस महामारी से लड़ने में और अधिक मजबूती प्रदान कर रहा है. वहीं दूसरी ओर भारत में स्वदेशी तकनीकि पर बल देते हुए अर्थव्यवस्था को भी संभाल रहा है.
आने वाले समय में यदि भारत इन सभी उपकरणों का आयात करने की स्थिति में आता है तो यह देश के लिए आर्थिक रूप से काफी लाभप्रद हो सकता है.