शशिभूषण दूबे कंचनीय
लखनऊ : कानपुर मुठभेड़ में शहीद होने से पूर्व सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र ने एसओ चौबेपुर विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के संबंधों को लेकर एक रिपोर्ट 14 मार्च 2020 को कानपुर नगर के वरिष्ठï पुलिस अधीक्षक को भेजी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व सहअभियुक्तों के विरूद्ध 13 मार्च को कई धाराओ में मुकदमा दर्ज किया गया था. विकास दुबे पर करीब 150 मुकदमे दर्ज हैं. दुबे पर कई शहरों के विभन्न थानों में हत्या, लूट जैसे संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इसके खिलाफ मेरे द्वारा चौबेपुर थानाध्यक्ष को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था लेकिन जब मैंने इसकी समीक्षा की तो विवेचक अजहर इशरत द्वारा इस अभियोग में अपनी वापसी में 386 धारा हटाकर पुरानी रंजिश होने के संबंध में अंकित किया गया और इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के संबंध में भी लिखा गया. जब मैंने पूछताछ की तो विवेचक ने बताया कि थानाध्यक्ष के कहने पर धारा हटाई गई. अपने पत्र में सीओ बिल्हौर ने लिखा था कि विकास दुबे के विरूद्घ एसओ विनय तिवारी द्वारा कार्यवाही न करना गलत है. उन्होंने लिखा था कि चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी का पूर्व से विकास दुबे के यहां आना-जाना था। ऐसे में अगर विनय ने अपने कार्यप्रणाली में बदलाव न किया तो गंभीर घटना घट सकती है. लेकिन इस रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई.
इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं। यदि सीओ बिल्हौर की रिपोर्ट पर समय रहते कार्रवाई की जाती तो आज यह घटना नहीं होती। गौरतलब है कि विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदारों के विरूद्ध सामूहिक हत्या जैसे जघन्य अपराध क्यों नहीं किये जाते ? और तो और महज विनय तिवारी को सस्पेण्ड कर सरकार क्या संदेश देना चाहती है ? यह सवाल पूरे प्रदेश भर में राजनीतिक गलियारों तक सीमित न होकर आम जन के जुबानों से बुद- बुदाते नजर आने लगा है।
जांच के घेरे में डीआईजी अनंत देव तिवारी
क्या सरकार,शहीद सीओ के 14 मार्च 2020 की रिपोर्ट के आधार पर करेगी कार्यवाही ?
तत्कालीन एसओ विनय तिवारी के खिलाफ शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर डीआईजी अनंत देव तिवारी पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। इस मामले में डीआईजी अनंत देव तिवारी की भूमिका पर जांच के आदेश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक एडीजी कानपुर जोन इसकी जांच करेंगे। बताया जा रहा है कि डिप्टी एसपी की लिखित शिकायत के बावजूद एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी ने तत्कालीन एसओ विनय तिवारी पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। डिप्टी एसपी ने पशु तस्कर और रेप आरोपी को छोडऩे की भी एसएसपी से शिकायत की थी। डिप्टी एसपी की कॉल रिकॉर्डिंग और लेटर वायरल होने के बाद से हडक़ंप मच गया है। वर्तमान में अनंत देव तिवारी डीआईजी एसटीएफ हैं.
शहीद DSP देवेंद्र मिश्र की बेटी बोली…वह पुलिस में जाकर विकास दुबे जैसे दहशतगर्द बदमाशों को ठिकाने लगाएंगी. डॉक्टर बनने का सपना था, पर अब पिता की हत्या का बदला लेना है मक़सद.