नदी का जलस्तर बढ़ने पर हर वर्ष वहां रहने वाले लोग ऊंचे स्थान पर जाने को मजबूर
रांची: साहिबगंज जिले में राजमहल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गंगा नदी के दायें किनारे का करीब 83 किलोमीटर के कुछ स्थान कटाव प्रभावित है और यहां रहने वाले लोगों को नदी का जलस्तर बढ़ने पर हर वर्ष पलायन कर ऊंचे स्थान पर जाने को मजबूर होना पड़ता है. हालांकि इस क्षेत्र में कुछ स्थानों पर कटाव का प्रभाव नहीं पड़ता नहीं है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजमहल प्रखंड के मोकिमपुर से सैदपुर गांव गंगा का कटाव जारी है, यह इलाका एनएच-80 के नजदीक है. वहीं उधवा प्रखंड के पांयत श्रीधर दियारा के आसपास के क्षेत्रों में भी गंगा नदी के कटाव के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती है. यह इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है और गंगा कटाव निरोधक कार्य कराना अत्यंत आवश्यक बताया जाता है.
बताया गया है कि मोकिमपुर के शोभापुर के निकट गंगा नदी एनएच से बिल्कुल सटे बह रही है, कई स्थानों पर एनएच-80 की दूरी गंगा तट से मात्र 10 मीटर तक रह गयी है. वहीं उधवा प्रखंड के श्रीधर दियारा के आसपास के क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर गंगा नदी के जलस्तर पढ़ने पर कटाव प्रारंभ हो जाता है.
साहिबगंज सदर प्रखंड के अंतर्गत रामपुर पंचायत स्थित सकरीगली के गोपालपुर दियारा में कई स्थान कटाव से प्रभावित है. वहीं मखमलपुर अंतर्गत कारगिल और हरप्रसाद पंचायत के टोपरा दियारा तथा रामपुर के सभी स्थान गंगा के दियारा क्षेत्र में आते है. प्रत्येक वर्ष बरसात के मौसम में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण इन गांवों के निचले इलाकों में गंगा नदी का पानी भर जाता है तथा वहां रहने वाले लोग उंचे स्थान पर चले जाते है और पुनः गंगा नदी का जलस्तर कम होने पर लोग वापस आ जाते हैं. ऐसा प्रत्येक वर्ष होता है, इस वर्ष भी अभी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भरा हुआ है और अपने घर को छोड़ कर सुरक्षित स्थान पर चले गये है.
जलसंसाधन विभाग की ओर से यह जानकारी दी गयी है कि राजमहल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गंगा नदी के 83.15 किमी दांये तट की कटाव से सुरक्षा के लिए डीपीआर तैयार कराया गया है और इस डीपीआर अनुशंसा के लिए गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग पटना को भेजा गया था. लेकिन आयोग ने डीपीआर में कुछ संशोधन की आवश्यकता का सुझाव दिया है, जिसके बाद फिर से डीपीआर में आवश्यक संशोधन को लेकर कार्रवाई की जा रही है.