जमशेदपुर: जमशेदपुर एवं उसके आसपास के इलाकों से लगभग 2000 से भी ज्यादा आनंद मार्गी प्रथम संभागीय सेमिनार का लाभ घर पर ही लैपटॉप, मोबाइल एवं अन्य तरह के अत्याधुनिक साधनों के माध्यम से लिया.
साधकों के जीवन रक्षा को ध्यान में रखते हुए एवं साधकों के मानसाध्यात्मिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए लाइव वेबकास्टिंग से तीन दिवसीय प्रथम संभागीय सेमिनार का आयोजन किया गया है .
आचार्य विमलानंद अवधूत ने कहा कि सृष्टि-उत्पत्ति के रहस्य पर से, जैव जीवन की उत्पत्ति के रहस्य पर से वैज्ञानिक पर्दा उठाने के लिए जो नया विज्ञान है, वही ’माइक्रोवाइटम विज्ञान’ है. यह विश्व को बतलाता है कि कार्बन परमाणु से जैवजीवन नहीं आता है, क्योंकि कार्बनपरमाणु असंख्य माइक्रोवाइटा कणों की रचना है.
आनंद मार्ग के प्रवर्तक भगवान आनंदमूर्ति (उर्फ प्रभात रंजन सरकार) ने कहा है कि चिति शक्ति (ब्रह्म )से उत्सारित रहस्यमय, सूक्ष्मतम जैविक प्राणी माइक्रो वाइटम (अणुजीवत) ही सृष्टि का मूल कारण है.
माइक्रोवाइटा की प्रमुख स्थूल, सूक्ष्म और सूक्ष्मतर तीन श्रेणीहै. स्थूल और सूक्ष्म माइक्रोवाइटा के धनात्मक और ऋणात्मक दोनों प्रभाव देखे जाते हैं.
स्थूल माइक्रोवाइटम के ऋणात्मक प्रभाव ’तथाकथित् विषाणु’(अपतने) के रूप में हमलोग वैज्ञानिकस्तर पर देखते हैं. चेतनशील जीवों में जीवन की प्रतिष्ठा धनात्मक माइक्रोवाइटा करता है. मानव मन के उत्थान-पतन के पीछे धनात्मक और ऋणात्मक सूक्ष्म माइक्रो वाइटा का हाथ होता हैं.