नई दिल्ली: चायनीज एप्प टिकटॉक (tiktok) पर छोटी-छोटी वीडियो बनाने और उन्हें आकर्षक फीचर्स से सजा कर परोसने का चस्का लोगों को काफी तेजी से पसंद आया था. लोगों ने हाथों हाथ इस एप्प को काफी पॉप्यूलर भी कर डाला.
मगर एकाएक टिक टॉक की रेटिंग लगातार नीचे गिरती जा रही है. यहां तक कि 4.7 औसत रेटिंग अब गिरकर दो स्टार से भी काफी नीचे जा चुकी है. इसके पीछे फैसल सिद्दीकी के एसिड अटैक वीडियो और कैरी मिनाटी के बीच विवाद को वजह माना जा रहा है.
वहीं कई लोग चीन के हर सामान का बहिष्कार करने के फेर में भी इस चायनीज एप्प की रेटिंग खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
टिक टॉक को लगातार खराब रेटिंग देने का सिलसिला लगातार जारी है और लोग इसे 1.4 स्टार तक ले आए हैं. मगर इस मुहिम से टिक टॉक को क्या नुकसान होने वाला है या दूसरे शब्दों में लोगों का क्या भला होने वाला है.
दरअसल पहले कोरोना वायरस के फैलाने के पीछे चीन की गलीज सियासत सामने आने के बाद से चायनीज सामान का बहिष्कार करने के मैसेज तेजी से वायरल होने लगे थे.
चीन के ही बने मोबाइल में चीन के ही इस एप्प को अन इन्स्टॉल करके भी भला इस एप्प की व्यूयर शिप पर भला क्या फर्क पड़ने वाला था. या कहें की चीन की ऐसी-तैसी करने में गुस्साई जनता के कलेजे को ठंडक भला कैसे पहुंचती. मगर तभी लोगों को इस एप्प की रेटिंग गिराने का फार्मूला हाथ लगा और नतीजा आपके सामने है. पौने पांच की औसत स्टार रेटिंग वाला ये एप्प अब 1.4 स्टार तक लुढ़क चुका है. जाहिर है, इससे एप्प की मार्किट वैल्यू पर खासा फर्क पड़ा है.
जानकारों की मानें तो अगर किसी मोबाइल एप्प की रेटिंग गिर जाती है तो प्ले स्टोर पर उनकी ब्रांड वैल्यू पर काफी फर्क पड़ता है. नए यूजर्स हर एप्प को डाउनलोड करने से पहले इसकी खराब रेटिंग और कमेंट्स पढ़ कर इसे डाउनलोड करने का इरादा ही बदल सकते हैं.
अगर किसी एप्प की रेटिंग चार से कम होती है तो गूगल इसे अपने प्ले स्टोर के होम पेज या फीचर एप्प पर नहीं दिखाएगा. इससे भी इस एप्प की डाउनलोडिंग संभावनाओं पर असर पड़ता है. ज्यादा रेटिंग गिरने पर इसे फीचर एप्प से तब तक बाहर रखा जाएगा जब तक इसकी रेटिंग दोबारा सुधार ना जाए. सॉफ्टवेयर बाजार में रेटिंग का सीधा ताल्लुक इस एप्प की कमाई से जुड़ा होता है. इससे एप्प की छवि खराब हो जाती है.