रांची: बहुत से लोगों ने तो टिंडे का नाम पहली बार सूना होगा. पर बहुत से लोग इससे परिचित है. हालांकि इस सब्जी का इस्तेमाल झारखण्ड, बिहार में कम ही होता है. समस्त भारत में पंजाब,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान एवं महाराष्ट्र में सब्जी के रूप में इसकी खेती की जाती है. आयुर्वेदीय प्राचीन ग्रंथों में इसका उल्लेख प्राप्त नहीं होता . इसके फलों में प्रोटीन,वसा,खनिज द्रव्य तथा कार्बोहायड्रेट पाया जाता है . आईये जानते हैं टिंडे के कुछ औषधीय गुणों के बारे में .
1- टिंडे के डण्ठल की सब्जी बनाकर खाने से कब्ज में लाभ होता है .
2- टिंडे की सब्जी बनाकर सेवन करने से मूत्रदाह तथा मूत्राशय शोथ का शमन होता है .
3- टिंडे का रस निकालकर मिश्री मिलाकर पीने से प्रदर तथा प्रमेह में लाभ होता है .
4- टिंडे को पीसकर लगाने से आमवात में लाभ होता है.|
5- टिंडे के बीज तथा पत्तों को पीसकर सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है .
6- पके हुए टिंडे के बीजों को निकालकर मेवे के रूप में सेवन करने से यह पौष्टिक तथा बलकारक होता है .
टिंडा त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा होता है. इसके अलावा टिंडे की सब्जी कई और रोगों के लिए भी लाभकारी है, जैसे- टिंडा का फल आमाशय रस को बढ़ाने वाला, रक्त को शुद्ध करने, कृमिनाशक, मल-मूत्र को शरीर से निकालने में भी सहायता करता है.
टिंडा का बीज बुद्धि को तेज करने यानि यादाश्त को बेहतर बनाने में सहायता करता है और कमजोरी दूर करने में भी मदद करता है.