कोलकाताः एक ओर पी एफ आई को यूपी सरकार बैन करने की तैयारी कर रही तो वहीं दूसरी ओर की रैली से जुड़े एक पोस्टर में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक सांसद अबू ताहिर खान का नाम आया है.
हालांकि , टीएमसी सांसद ने पीएफआई से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है. बताते चलें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर जमकर हिंसा हुई थी. इस हिंसा के लिए जिम्मेदार बताए जा रहे कट्टरपंथी संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर यूपी सरकार बैन की तैयारी कर रही है.
खबर है कि एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ पीएफआई द्वारा एक रैली बुलाई गई है. इस बारे में पीएफआई के हसीबुल इस्लाम ने कहा, ‘हम 5 जनवरी को मुर्शिदाबाद में सीएए के खिलाफ एक प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं. सांसद अबू ताहिर खान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा होंगे.
अबू ताहिर खान ने झाड़ा अपना पल्ला
वहीं, इस पोस्टर और रैली में हिस्सा लेने की बात से इनकार करते हुए अबू ताहिर खान ने कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
अगर उन लोगों ने पोस्टर में मेरा नाम लिखा है तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता हूं.’ बता दें कि अबू ताहिर खान मुर्शिदाबाद से टीएमसी के सांसद हैं.
क्या है पीएफआई
पीएफआई खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है. इस संगठन पर कई गैर-कानून गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है.
गृह मंत्रालय का कहना है कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. पीएफआई ने खुद पर लगे इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और एनआईए की जांच को षड्यंत्र का हिस्सा बताया है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पीएफआई के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं. इसमें एनआईए की वह जांच रिपोर्ट भी है, जिसमें इस संगठन पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप लगाया है.
इसके अलावा राज्यों की पुलिस की रिपोर्ट भी एनआईए के पास है, जिसमें इस संगठन पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने और जबरन धर्मांतरण का आरोप भी लगा है.