झारखंड : सरकार द्वारा किए गए समझौते नियोजन नियमावली व कल्याण कोष का गठन सहित अन्य प्रमुख मांगों को निर्धारित 90 दिनों में लागू नहीं करने, सरकार से वादा खिलाफी को लेकर आंदोलन करते हुए झारखंड के पारा शिक्षको ने 24 जुलाई को विधानसभा घेराव करने का मन बनाया है. अपने आंदोलन में हजारों की संख्या में पारा शिक्षक कार्यक्रम में भाग लेंगे.
ऐसा कहा गया है कि रघुवर सरकार का शिक्षा विभाग के तानाशाह रवैया जारी है. शिक्षा विभाग के सरकारी अधिकारी पारा शिक्षकों को डरा कर रखना चाहते हैं, उनकी लंबित मांगें पर टालमटोल किया जा रहा है. इसलिए वे पठन-पाठन का कार्य रोक कर हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी जिम्मेवारी शिक्षा विभाग और सरकार की होगी. इस तरह से पारा शिक्षकों की आंदोलन की बात शिक्षा मंत्री तक पहुंच चुकी है.
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शिक्षा मंत्री ने पारा शिक्षकों से की अपील :
राज्य की शिक्षा मंत्री निरा यादव ने आग्रह करते हुए कहा है कि सरकार का ध्यान अपने कर्मियों और शिक्षकों पर है. उन्होंने पारा शिक्षकों से आंदोलन नहीं करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि “सरकार उनके तमाम मुद्दों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए मांगों को पूरा करती रही है, ऐसे में उनकी कई लंबित मांगों की दिशा में भी जल्द ही कदम उठाए जाएंगे.”
हड़ताल से पठन-पाठन होता है प्रभावित :
हड़ताल से बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हो जाता है. इसलिए शिक्षक हड़ताल जैसा कदम ना उठाएं पूर्व में भी उनकी मांगें पूरी होती रही है, और आगे भी सरकार उनकी मांगों की दिशा में है कदम उठाया है.