रांची: आज 19 फरवरी को छत्रपती शिवाजी महाराज का जन्मदिन मनाया जाता है. उनका जन्म वर्ष 1630 है. वे भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया. सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह ‘छत्रपति’ बने. छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया.
मुगलों को घुटने टेकने पर कर दिया था विवश
उन्होंने फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतंत्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया. शिवाजी महाराज का महज 50 साल की आयु में 1680 में निधन हो गया. शिवाजी महाराज का जन्म शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. शिवाजी महाराज का जन्म शाहजी भोंसले की पत्नी जीजाबाई की कोख से हुआ था. छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम भारत के उन वीर सपूतों में शुमार है, जिन्होंने अपनी वीरता और पराक्रम के दम पर मुगलों को घुटने टेकने पर विवश कर दिया था.
भारतीय गणराज्य के महानायक थे शिवाजी
बहुत से लोग उन्हें ‘हिन्दू हृदय सम्राट’ कहते हैं, तो कुछ लोग इन्हें ‘मराठा गौरव’, जबकि वे भारतीय गणराज्य के महानायक थे. शिवाजी का बचपन उनकी माता जिजाऊ मां साहेब के मार्गदर्शन में गुजरा. वे सभी कलाओं में माहिर थे, उन्होंने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी. शिवाजी के बड़े भाई का नाम सम्भाजी था, जो अधिकतर समय अपने पिता शाहजी भोसलें के साथ ही रहते थे. शाहजी राजे कि दूसरी पत्नी तुकाबाई मोहिते थीं. उनसे एक पुत्र हुआ जिसका नाम एकोजी राजे था. उनकी माता जी जीजाबाई यादव कुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली महिला थी और उनके पिता एक शक्तिशाली सामंत थे.
धर्म, संस्कृति और राजनीति की भी उचित शिक्षा दिलवाई थी. उस युग में परम संत रामदेव के संपर्क में आने से शिवाजी पूर्णतया राष्ट्रप्रेमी, कर्त्तव्यपरायण एवं कर्मठ योद्धा बन गए.
शिवाजी का विवाह 14 मई 1640 में सइबाई निंबाळकर के साथ लाल महल, पुणे में हुआ था. शिवाजी महाराज ने कुल 8 शादियां की थीं. उन्होंने पहली शादी सईबाई से की थी. दूसरी शादी सोयराबाई मोहिते से की थी. पुतळाबाई पालकर उनकी तीसरी पत्नी थी. गुणवन्ताबाई इंगले, सगुणाबाई शिर्के, काशीबाई जाधव, लक्ष्मीबाई विचारे और सकवारबाई गायकवाड़ से भी रचाई शादी.