⛅ दिनांक 06 अक्टूबर 2020
⛅ दिन – मंगलवार
⛅ विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
⛅ शक संवत – 1942
⛅ अयन – दक्षिणायन
⛅ ऋतु – शरद
⛅ मास – अधिक अश्विन
⛅ पक्ष – कृष्ण
⛅ तिथि – चतुर्थी दोपहर 12:33 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ नक्षत्र – कृत्तिका शाम 05:54 तक तत्पश्चात रोहिणी
⛅ योग – सिद्धि 07 अक्टूबर रात्रि 12:56 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहुकाल – शाम 03:24 से शाम 04:53 तक
⛅ सूर्योदय – 06:32
⛅ सूर्यास्त – 18:20
⛅ दिशाशूल – पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – मंगलवारी चतुर्थी (पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 12:33 तक)
💥 विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है.(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
🌷 ह्रदय बलवान बनाने 🌷
🌳 पीपल की कोमल पत्तियों का रस १० ग्राम और थोड़ी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पियो l ह्रदय बलवान होगा, कितना भी Heart Attack का भय हो अथवा मस्तिस्क की कमजोरी हो, अपने आप ठीक हो जायेगा l मूर्छा आती हो, मिर्गी आती हो, उन्माद चड़ता हो, जुकाम और नजले की तकलीफ हो ……… बस ! ये अक्सीर इलाज है l
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞पवनपुत्र हनुमान जी के 12 चमत्कारी नाम
1. ऊँ हनुमान
2. ऊँ अंजनी सुत
3. ऊँ वायु पुत्र
4. ऊँ महाबल
5. ऊँ रामेष्ठ
6. ऊँ फाल्गुण सखा
7. ऊँ पिंगाक्ष
8. ऊँ अमित विक्रम
9. ऊँ उदधिक्रमण
10. ऊँ सीता शोक विनाशन
11. ऊँ लक्ष्मण प्राण दाता
12. ऊँ दशग्रीव दर्पहा
नाम की अमिट महिमा
1. प्रात: काल उठते ही जिस अवस्था में भी हो बारह नामों को 11 बार लेनेवाला व्यक्ति दीर्घायु होता है.
2. नित्य नियम के समय नाम लेने से इष्ट की प्राप्ति होती है.
3. दोपहर में नाम लेने वाला व्यक्ति धनवान होता है.
4. दोपहर संध्या के समय नाम लेने वाला व्यक्ति पारिवारिक सुखों से तृप्त होता है.
5. रात्रि को सोते समय नाम लेने वाले व्यक्ति की शत्रु से जीत होती है
6. इन बारह नामों का निरंतर जप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमानजी महाराज दसों दिशाओं और आकाश पाताल से रक्षा करते हैं.
🌷 व्यतिपात योग 🌷
🙏🏻 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है.
🙏🏻 वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की.
🙏🏻 व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है. और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में.
💥 विशेष ~ 07 अक्टूबर,बुधवार को रात्रि 12:57 से 08 अक्टूबर गुरुवार रात्रि 01:32 तक (यानी 07 अक्टूबर बुधवार को पूरा दिन) व्यतीपात योग है.
🙏🏻 💐🙏
पंचक
25 अक्टूबर दोपहर 3.24 से 30 अक्टूबर दोपहर 2.56 बजे तक
21 नवंबर रात्रि 10.24 से 26 नवंबर रात्रि 9.20 बजे तक
19 दिसंबर प्रातः 7.16 से 23 दिसंबर तड़के 4.32 बजे तक
एकादशी
परम एकादशी – 13 अक्टूबर 2020
पापांकुशा एकादशी – 27 अक्टूबर 2020
प्रदोष
14 अक्टूबर ( बुधवार ) प्रदोष व्रत ( कृष्ण )
28 अक्टूबर ( बुधवार ) प्रदोष व्रत ( शुक्ल
अमावस्या
शुक्रवार, 16 अक्टूबर आश्विन अमावस्या (अधिक)
पूर्णिमा
शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत