रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ (मंगलमय) हो.
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- कलियुगाब्द…….5122
- विक्रम संवत्……2077
- शक संवत्………1942
- मास…….आषाढ़
- पक्ष………..कृष्ण
- तिथी……एकादशी
प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात द्वादशी
- रवि………उत्तरायण
- सूर्योदय..प्रातः 05.42.12 पर
- सूर्यास्त..संध्या 07.13.45 पर
- सूर्य राशि….मिथुन
- चन्द्र राशि…..मेष
- गुरु राशि…..मकर
- नक्षत्र……अश्विनी
प्रातः 06.03 पर्यंत पश्चात भरणी
- योग……..अतिगंड
दोप 02.19 पर्यंत पश्चात सुकर्मा
- करण……..बालव
प्रातः 07.49 पर्यंत पश्चात कौलव
- ऋतु…………ग्रीष्म
- दिन…………बुधवार
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★★ आंग्ल मतानुसार :-
17 जून सन 2020 ईस्वी.
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★★ तिथि विशेष :-
◆◆ योगिनी एकादशी :- हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी की विषेश महत्ता है. इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा का विधान है . माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से व्रती को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है, साथ ही वह इस लोक के सुख भोगते हुए स्वर्ग की प्राप्ति करता है . पौराणिक मान्यताओं के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से 28 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने का पुण्य प्राप्त होता है .
★★ योगिनी एकादशी व्रत कथा :-
स्वर्गलोक की अलकापुरी नामक नगरी में कुबेर नाम के राजा का राज था. वह बहुत धर्मी राजा थे और भगवान शिव के उपासक थे. आंधी आए, तूफान आए कोई भी बाधा उन्हें भगवान शिव की पूजा करने से नहीं रोक सकती थी. भगवान शिव के पूजन के लिए हेम नामक एक माली फूलों की व्यवस्था करता था. वह हर रोज पूजा से पहले कुबेर को फूल देकर जाया करता. हेम अपनी पत्नी विशालाक्षी से बहुत प्रेम करता था. एक दिन हेम पूजा के लिये पुष्प तो ले आया लेकिन रास्ते में उसने सोचा अभी पूजा में तो समय है तो क्यों न घर चला जाए. फिर उसने अपने घर की राह पकड़ ली. घर आने के बाद वह अपनी पत्नी को देख कामासक्त हो गया और उसके साथ रमण करने लगा. वहीं, पूजा का वक्त निकला जा रहा था और राजा पुष्प न आने के कारण व्याकुल हुए जा रहे थे. इस वजह से पूजा का वक्त बीत गया और हेम पुष्प लेकर नहीं पहुंचा तो राजा ने सैनिकों को भेज उसका पता लगाने के लिए कहा. सैनिकों ने लौटकर बताया कि वह तो महापापी, महाकामी है. वह अपनी पत्नी के साथ रमण कर रहा था. यह सुन राजा का गुस्सा सांतवे आसमान पर पहुंच गया. उन्होंने तुरंत हेम को पकड़ कर लाने के लिए कहा. अब हेम कांपते हुए राजा के सामने खड़ा हो गया. क्रोधित राजा ने कहा, ‘हे नीच महापापी! तुमने कामवश होकर भगवान शिव का अनादर किया है. मैं तुझे शाप देता हूं कि स्त्री का वियोग सहेगा और मृत्युलोक में जाकर कोढ़ी होगा’.
अब कुबेर के शाप से हेम माली भूतल पर पंहुच गया और कोढ़ग्रस्त हो गया. स्वर्गलोक में वास करते-करते उसे दुखों की अनुभूति नहीं थी, लेकिन यहां पृथ्वी पर भूख-प्यास के साथ-साथ कोढ़ से उसका सामना हो रहा था. उसके दुखों का कोई अंत नजर नहीं आ रहा था. वह एक दिन घूमते-घूमते मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में पंहुच गया. आश्रम की शोभा देखते ही बनती थी. ब्रह्मा की सभा के समान ही मार्कंडेय ऋषि की सभा का नजारा भी था. वह उनके चरणों में गिर पड़ा और महर्षि के पूछने पर अपनी व्यथा से उन्हें अवगत करवाया. अब ऋषि मार्कण्डेय ने कहा, “तुमने मुझसे सत्य बोला है इसलिये मैं तुम्हें एक उपाय बताता हूं. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष को योगिनी एकादशी होती है. इसका विधिपूर्वक व्रत करोगे तो तुम्हारे सब पाप नष्ट हो जाएंगे.” अब माली ने ऋषि को साष्टांग प्रणाम किया और उनके बताए अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत किया. इस प्रकार उसे अपने शाप से छुटकारा मिला और वह फिर से अपने वास्तविक रूप में आकर अपनी स्त्री के साथ सुख से रहने लगा.
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★★ राहुकाल :-
दोपहर 12.27 से 02.08 तक.
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★★ दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें .
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★ शुभ अंक……….4
★ शुभ रंग………..हरा
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★★ चौघडिया :-
प्रात: 05.45 से 07.25 तक लाभ
प्रात: 07.25 से 09.06 तक अमृत
प्रात: 10.46 से 12.26 तक शुभ
दोप 03.47 से 05.28 तक चंचल
सायं 05.28 से 07.08 तक लाभ
रात्रि 08.28 से 09.47 तक शुभ .
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★★ आज का मंत्र :-
|| ‘ॐ विश्वरुपाय नम: ||
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★★ सुभाषितानि :-
न योजनशतं दूरं बाध्यमानस्य तृष्णया .
सन्तुष्टस्य करप्राप्तेऽप्यर्थे भवति नादरः ॥
◆ अर्थात :- तृष्णा से पीडित इन्सान को सैंकडो योजन का अंतर भी दूर नहि (लगता) . पर संतोषी मनुष्य को हाथ में आयी चीझ के लिए भी आदर (आसक्ति) नहि होता.
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★★ आरोग्यं :-
◆◆ विटामिन सी के लाभ :-
◆ बढ़ती उम्र में त्वचा को रखता है स्वस्थ :- बढ़ती उम्र में शरीर में ग्लाइकोस अमिनोग्लाइकन्स की कमी होने लगती है और इससे त्वचा रूखी होने लगती है. विटामिन सी इस परेशानी में राहत पहुंचाता है. यह शरीर में नमी की मात्रा को बनाए रखता है और झुर्रियां कम करता है, जिससे बढ़ती उम्र के लक्षण कम नजर आते हैं.
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