रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ (मंगलमय) हो.
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●कलियुगाब्द…….5122
●विक्रम संवत्…..2077
●शक संवत्……..1942
●रवि………दक्षिणायन
●मास…………श्रावण
●पक्ष……………कृष्ण
●तिथी…………नवमी
रात्रि 08.22 पर्यंत पश्चात दशमी
●सूर्योदय..प्रातः 05.50.35 पर
●सूर्यास्त..संध्या 07.15.03 पर
●सूर्य राशि……..मिथुन
●चन्द्र राशि……….मेष
●गुरु राशि………..धनु
●नक्षत्र…………अश्विनी
दोप 02.04 पर्यंत पश्चात भरणी
●योग…………..धृति
रात्रि 11.31 पर्यंत पश्चात शूल
●करण………..तैतिल
प्रातः 07.18 पर्यंत पश्चात गरज
●ऋतु…………..वर्षा
●दिन………मंगलवार
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★★ आंग्ल मतानुसार :-
14 जुलाई सन 2020 ईस्वी।
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★ शुभ अंक………..1
★ शुभ रंग……….सफ़ेद
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★★ अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 12.05 से 12.59 तक.
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★★ राहुकाल :-
दोप 03.51 से 05.31 तक.
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★★ दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें.
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★★ चौघडिया :-
प्रात: 09.12 से 10.52 तक चंचल
प्रात: 10.52 से 12.31 तक लाभ
दोप. 12.31 से 02.11 तक अमृत
रात्रि 08.30 से 09.50 तक लाभ ।
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★★ आज का मंत्र :-
।। ॐ उर्ध्वलिंगाय नम: ।।
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★★ सुभाषितानि :-
सत्यं मृदु प्रियं वाक्यं धीरो हितकरं वदेत् ।
आत्मोत्कर्षं तथा निन्दां परेषां परिवर्जयेत् ॥
◆ अर्थात :- धीर पुरुष ने सत्य, मृदु, प्रिय, हितकारक और स्वयं का उत्कर्ष हो वैसा बोलना चाहिए . परायों की निंदा का त्याग करना चाहिए ।
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★★ आरोग्यं :-
◆◆ ब्राम्ही के उपयोग एवं उपचार :-
◆ मिर्गी (अपस्मार) होने पर :- 14 से 28 मिलीलीटर ब्राह्मी की जड़ का रस या 3 से 6ग्राम चूर्ण को दिन में3 बार 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ लेने से मिर्गी का रोग ठीक हो जाता है.
◆ धातु क्षय (वीर्य का नष्ट होना) :- 15 ब्राह्मी के पत्तों को दिन में 3 बार सेवन करने से वीर्य के रोग का नष्ट होना कम हो जाता है.
◆ आंखों की बीमारी में :- 3 से 6 ग्राम ब्राह्मी के पत्तों को घी में भूनकर सेंधानमक के साथ दिन में 3 बार लेने से आंखों के रोग में लाभ होता है.
◆ आंखों का कमजोर होना :- 3 से 6 ग्राम ब्राह्मी के पत्तों का चूर्ण भोजन के साथ लेने से आंखों की कमजोरी दूर हो जाती है.
◆ स्मरण शक्ति वर्द्धक :- 10 मिलीलीटर सूखी ब्राह्मी का रस, 1 बादाम की गिरी, 3 ग्राम कालीमिर्च को पानी से पीसकर 3-3 ग्राम की टिकिया बना लें. इस टिकिया को रोजाना सुबह और शाम दूध के साथ रोगी को देने से दिमाग को ताकत मिलती है.