रांची: आज का पंचांग
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●कलियुगाब्द…….5122
●विक्रम संवत्……2077
●शक संवत्………1942
●मास……….भाद्रपद
●पक्ष………….कृष्ण
●तिथी………एकादशी
दोप 02.14 पर्यंत पश्चात द्वादशी
●रवि………दक्षिणायन
●सूर्योदय..प्रातः 06.03.49 पर
●सूर्यास्त..संध्या 06.58.41 पर
●सूर्य राशि…….कर्क
●चन्द्र राशि…..मिथुन
●गुरु राशी…….धनु
●नक्षत्र……..मृगशीर्ष
प्रातः 06.33 पर्यंत पश्चात आर्द्रा
●योग…………हर्षण
प्रातः 09.00 पर्यंत पश्चात वज्र
●करण……….बालव
दोप 02.14 पर्यंत पश्चात कौलव
●ऋतु…………….वर्षा
●दिन………….शनिवार
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★★ आंग्ल मतानुसार :-
15 अगस्त सन 2020 ईस्वी
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🇮🇳 तिथी विशेष :-🇮🇳
🇮🇳 स्वातन्त्र्य दिनोत्सव :-
वर्षों की विदेशी गुलामी की जंजीरें टूटकर आज ही के दिन हमारा देश 1947 में स्वतंत्र हुआ था, इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी. यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है. प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं. इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है. इसी दिन धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ और पाकिस्तान अलग देश बनाया गया. हमारे देश की स्वतन्त्रता के लिए असंख्य राष्ट्रप्रेमियों में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. सुभाष, भगत, बिस्मिल, आज़ाद, अश्फाकउल्लाह, राजगुरु, तिलक, खुदीराम बोस जैसे अनेक स्वतन्त्रता के परवानों ने पाने प्राणों का बलिदान देकर हमे गुलामी से मुक्त किया, हमें स्वतन्त्रता दिवस पर प्रण लेना चाहिए की अपना तन मन जीवन देकर भी हम हमारी स्वतन्त्रता की रक्षा करेंगे एवं देश के गणतंत्र को मजबूत करने मे अपना भी योगदान देंगे.
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★ शुभ अंक………..6
★ शुभ रंग……….काला
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★★ अभिजीत मुहूर्त :-
दोप 12.05 से 12.56 तक
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★★ राहुकाल :-
प्रात: 09.19 से 10.55 तक
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★★ दिशाशूल :-
पूर्वदिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें
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★★ चौघडिया :-
प्रात: 07.42 से 09.18 तक शुभ
दोप. 12.30 से 02.06 तक चर
दोप. 02.06 से 03.42 तक लाभ
दोप. 03.42 से 05.17 तक अमृत
संध्या 06.53 से 08.18 तक लाभ
रात्रि 09.42 से 11.06 तक शुभ ।
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★★ आज का मंत्र :-
|| ॐ विघ्नराजाय नम: ||
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★★ सुभाषितानि :-
शुभेन कर्मणा सौख्यं दुःखं पापेन कर्मणा ।
कृतं भवति सर्वत्र नाकृतं विद्यते कचित ॥
◆ अर्थात :- सत्कर्म से सुख और दुष्कर्म से दुःख प्राप्त होता है. जो पहले किया है उसीका फ़ल मिलता है, जो नहीं किया उसका फ़ल भी वही है.
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★★ आरोग्यं सलाह :-
◆◆ इमली के औषधीय उपयोग :-
◆ 01. नेत्र की लाली :- इमली के पानों का रस और दूध मिलाकर कांसी की थाली में कांसे के कटोरे से खूब घोटे फिर आँखों की पलक तथा चारो और लगाने से लाली, अश्रुस्त्राव और डाह दूर होता है.
◆ 02. सोमरोग :- इमली की गिरी 4 माशे रात्री में पानी में भिगो कर रख दे दुसरे दिन सुबह छिलके निकालकर दूध के साथ छान कर पी ले समस्त प्रकार के मूत्र विकार समाप्त होंगे.
◆ 03. अति स्वेद :- पकी इमली की गिरी को इमली के फलों के जल में पीसकर लेप करने से ज्यादा और बदबूदार पसीने की समस्या दूर होगी.