रांची: आज का पंचांग, आपका दिन शुभ मंगलमय हो.
●कलियुगाब्द…..5122
●विक्रम संवत्….2077
●शक संवत्……1942
●मास…………चैत्र
●पक्ष……….शुक्ल
●तिथी…….अष्टमी
रात्रि 03.39 पर्यंत पश्चात नवमी
●रवि……उत्तरायण
●सूर्योदय..प्रातः 06.19.35 पर
●सूर्यास्त..संध्या 06.42.12 पर
●सूर्य राशि……मीन
●चन्द्र राशी…मिथुन
●नक्षत्र……….आर्द्रा
संध्या 07.21 पर्यंत पश्चात पुनर्वसु
●योग……..शोभन
दोप 04.49 पर्यंत पश्चात अतिगंड
●करण………विष्टि
दोप 03.45 पर्यंत पश्चात बव
●ऋतु………बसंत
●दिन……..बुधवार
आंग्ल मतानुसार :-
01 अप्रैल सन 2020 ईस्वी ।
तिथि विशेष :-
चैत्र शुक्ल अष्टमी
राहुकाल :-
दोपहर 12.30 से 02.02 तक ।
दिशाशूल :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें.
★ शुभ अंक………..1
★ शुभ रंग………..हरा
चौघड़िया :-
प्रात: 06.22 से 07.54 तक लाभ
प्रात: 07.54 से 09.25 तक अमृत
प्रात: 10.57 से 12.29 तक शुभ
दोप 03.33 से 05.05 तक चंचल
सायं 05.05 से 06.37 तक लाभ
रात्रि 08.05 से 09.33 तक शुभ ।
आज का मंत्र :-
|| ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम: ||
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।
सुभाषितानि :-
कौर्मं संकोचमास्थाय प्रहारानपि मर्षयेत् ।
प्राप्ते काले च मतिमानुत्तिष्ठेत् कृष्णसर्पवत् ॥
अर्थात :- कछुए की तरह अपने गात्र संकुचित करके प्रहारभी सहन करना, किन्तु बिध्दिमान मनुष्य ने समय आने पर सांप की तरह डर दिखाना चाहिए.
आरोग्यं :-
बेल के औषधीय गुण:
◆ 1. गर्मियों में शरीर में जलन हो तो कच्ची बेल की गिरी को एक सप्ताह तिल के तेल में डालकर रखें, फिर उस तेल से प्रतिदिन मालिश करके, स्नान करने से शरीर की गर्मी व जलन दूर होती है.
◆ 2. बेरी-बेरी रोग में दिन में 3-4 बार बेल का रस निकालकर पिलाने से बहुत फायदा होता है.
◆ 3. बेल के बीजों को तेल में पकाकर, उस तेल को छानकर रोजाना सिर में मालिश करने से बाल काले और घने होते हैं.
◆ 4. बेल और आम की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर और छानकर शहद और मिश्री मिलाकर सेवन करने से दस्त की समस्या से निजात मिलता है.
◆ 5. बेल का शर्बत पीने से लू के प्रकोप से सुरक्षा मिलती है.