उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को मामलों का त्वरित निष्पादन करने का दिया निर्देश
पलामू: उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी शशि रंजन ने मंगलवार को समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय में जनता दरबार का आयोजन किया. इसमें जिले के विभिन्न स्थानों से पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी अपनी समस्याओं को उपायुक्त के समक्ष रखा. इससे पूर्व कोरोना महामारी को देखते हुए जनता दरबार में आए सभी लोगों के हाथों को सैनिटाइज किया गया. उपायुक्त ने कई मामलों का ऑन स्पॉट निपटारा किया वहीं अन्य मामलों को संबंधित विभाग को भेजते हुए तत्काल निष्पादन का निर्देश दिया.
पाटन प्रखंड के निमियां ग्राम से आयीं शैल सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री सुनकन्या योजना 2019 का लाभ लेने हेतु आवेदन दिया था. परंतु उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ. स्वीकृत न होने का कारण भी नही बताया गया.
उन्होंने बताया कि पिछले साल दसवीं कक्षा में सीबीएसई बोर्ड से उन्हें 86% अंक प्राप्त हुआ है. वर्तमान में वे झारखंड बोर्ड से पढ़ रही हैं और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. उन्होंने बताया कि उन्होंने पुनः अक्टूबर 2020 में फॉर्म को जमा किया लेकिन 2019 में मैट्रिक पास का कारण लगाकर फॉर्म वापस कर दिया गया. जनता दरबार मे उन्होंने उपायुक्त के समक्ष मुख्यमंत्री सुकन्या योजना का लाभ दिलवाने हेतु आवेदन दिया.
वहीं पाटन प्रखंड के ही कांकेकला ग्राम से उपायुक्त के जनता दरबार में आए विनोद मेहता ने बताया कि गांव के चौकीदार द्वारा आवागमन पथ एवं सरकारी सार्वजनिक चापाकल को अतिक्रमण करके अपने कब्जे में कर लिया गया है, जिससे गांव वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने उपायुक्त को गांव में आवागमन पथ तथा सरकारी चापाकल को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु आवेदन दिया. उपायुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाटन अंचलाधिकारी को फोन कर मामले की जांच तथा दोषी पाए जाने पर चौकीदार के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया.
आज के जनता दरबार में विभिन्न प्रखंडों से पेंशन से जुड़े कुल 8 मामले आए. जिसमें वृद्धा पेंशन, विधवा एवं विकलांग पेंशन शामिल थे. सभी आवेदनों को संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी को भेज दिया गया एवं उपायुक्त ने संबंधित पदाधिकारी को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
आज के जनता दरबार में लोग मुख्यतः प्रधानमंत्री आवास, राशन कार्ड, पेंशन संबंधित मामले, दाखिल खारिज संबंधित समस्या को लेकर आए थे.
मौके पर मौजूद डीसी ने सभी आवेदनों को संबंधित पदाधिकारियों को त्वरित निष्पादन करने हेतु भेज दिया.