रांची: 17 सेकंड का वायरल ऑडियो जिसमें प्रतिबंधित नक्सली संगठन से अछि साथ गांठ होने की बात के साथ 4 से पांच करोड़ रुपये देने की बात कही जा रही थी। अब इस वायरल ऑडियो मामले में एक नया मोड़ तब आ गया है जब इस वायरल वीडियो वाली खबर किसी शख्स द्वारा भारत के कई खुफिया जांच एजेंसियों को ईमेल भेजने वाला स्क्रीन शार्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
वायरल स्क्रीन शार्ट में इन एजेंसियों को ईमेल भेजकर की गई है जांच की मांग
ED
NIA
CBI
PMO
ACB
CBC
क्या लिखा है ईमेल में
यह ईमेल अंग्रेजी में किया गया है हम यह इसका हिंदी रूपांतरण कर आपको बताने की कोशिश कर रहे है
लिखा है, मीडिया में एक ऑडियो सहित एक खबर वायरल हुआ जिसमें कहा जा रहा है कि टीपीसी से संबंध ठीक होने की बात कही जा रही है। आम्रपाली बंद करवाने में प्रतिबंधित संगठन द्वारा तन मन धन से सहयोग के साथ फंडिंग भी किया और मंत्री बनाने के लिए दो,चार,पांच करोड़ फंडिंग की बात भी भली भांति मेल में लिखा गया है।
यह भी कहा गया है कि ऑडियो जेल में बंद एक पूर्व मंत्री का बताया जा रहा है ।
आगे लिखा है, ऑडियो में कही जा रही बात अत्यंत गंभीर है क्योंकि ऑडियो में राजनीतिक-नक्सली मिलीभगत की बात की पुष्टि कर रही है और नक्सलियों से सहयोग स्वीकार किया जा रहा है
आगे, ऑडियो के अनुसार इस बात की गहराई से जांच की आवश्यकता है कि मंत्री बनाने के लिए प्रतिबंधित नक्सली संगठन क्यों फंडिंग करेंगे उनके इरादे क्या हैं ?
और कौन करोड़ों रुपये कौन लेगा और किसे मंत्री बनाने की तैयारी की जा रही है ? इसकी जांच की भी मांग की गई है।
मेल के अनुसार, पुलिस और कई जांच एजेंसियों के नाक के नीचे फिरसे वसूली की बात की जा रही है इस बात की जांच की भी मांग की गई है।
साथ ही कुछ नेताओं के नाम भी लिए गए हैं जो जेल में बंद है। “इस शक को और बल इस लिए मिलता है कि टीपीसी के बिंदु गंझू,विनोद गंझू,छोटू सिंह जैसे नेता उसी जेल में बंद हैं जिस जेल में बंद नेता की वायरल ऑडियो होने की बात कही जा रही है।”
उग्रवादियों और लोकल अपराधियों के संबंध की जांच की बात भी कही गई है
इस बात की भी गहन जांच होने की आवश्यकता है कि हाल ही में टंडवा,लातेहार,रामगढ़,बड़कागांव इलाके में उग्रवादियों-अपराधियो की सक्रियता बढ़ी है । ये वही इलाके हैं जो ऑडियो में बताए जा रहे नेता का कार्यक्षेय भी है।
वायरल ऑडियो में उक्त नेता अपने करीबी रिश्तेदार जो अभी विधायक है,को मंत्री बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
अंत मे लिखा गया है कि
“ऑडियो में कही गई बात और वर्तमान हालात एक दूसरे को प्रमाणित इसलिए उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है।”
विगत कुछ घटनाक्रम पर गौर करें तो जेल के अंदर से कैदियों को बाहरी दुनिया के लोगों से मोबाइल पर बातचीत करना आम है। अभी कुछ दिनों पहले रांची के रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद का ऑडियो वायरल हुआ था जिसकी उच्चस्तरीय जांच कमिटी बनाकर उसकी जांच की जा रही है और इसी बीच यह दूसरा ऑडियो वायरल हुआ है क्या इसकी भी जांच होगी? या इसे लीपापोती कर भुला दिया जाएगा।
इस स्क्रीन शार्ट की सत्यता की पुष्टि BNN BHARAT नहीं करता है। लेकिन इस स्क्रीन शार्ट में कही जानी वाली बातें अहम है। और जिन संस्थाओं को यह ईमेल भेज गया है उससे तो यही प्रतीत होता है कि अब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होकर रहेगा। यदि ऐसा हुआ तो संभवतः झारखंड के कई बड़ी हस्तियों के साथ कई बड़े बड़े अधिकारी भी राडार पर होंगे।