गुजरात: गुजरात के वड़ोदरा में तेलंगाना के व्यापारी की संदिग्ध यातना और हत्या के लिए छह पुलिस कर्मियों पर मामला दर्ज किया गया है. व्यापारी के लापता होने के सात महीने के बाद इस बारे में पता चला. 10 दिसंबर 2019 को 62 वर्षीय बाबू शेख निसार लापता हो गए थे, जल्द ही उन्हें पकड़ लिया गया और चोरी के आरोप में फतेहगंज पुलिस स्टेशन लाया गया.
उनके परिवार वाले इस बात से अनजान थे. निसार के परिवार वालों के मुताबिक निसार के दामाद उनके साथ यात्रा कर शहर तक आए थे लेकिन उनके बीच निर्धारित हुई बैठक में शामिल नहीं हो सके, जिसके बाद सत्याजीगुंज पुलिस स्टेशन में निसार की लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
निसार को ढूंढने की जांच धीमी गति से हो रही थी, इसलिए निसार के बेटे ने वड़ोदरा के पुलिस कमिश्नर को एक खत लिखा, जिसमें नियमों के उल्लंघन करने की बात कही गई. 25 जून 2020 को निसार के परिवार वालों ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला दर्ज किया.
संदिग्ध चोरी को लेकर 10 दिसंबर को निसार की नजरबंदी का हवाला देकर फतेहगंज पुलिस की ओर से अनौपचारिक रजिस्ट्री प्रविष्टि की खोज के बाद संदेह बढ़ गया. प्रविष्टि में लिखा था कि निसार को चोरी के खिलाफ कोई भी सबूत ना मिलने पर रिहा कर दिया गया था.
लेकिन उस दिन चोरी को लेकर कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई थी. पुलिस पूछताछ में स्पष्ट किया है कि निसार को पुलिस स्टेशन से जाते हुए किसी ने नहीं देखा. यही नहीं, सीसीटीवी कैमरा भी उस दिन काम नहीं कर रहा था.
अब छह पुलिस कर्मियों को संदिग्ध यातना और हत्या के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. हालांकि निसार का शव अभी भी नहीं मिला है. तमिलनाडु में जयराज और बेनेकिक की हिरासत में मौत के मामले की जांच केंद्र सरकार के जरूरी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सीबीआई के पास चला जाएगा. अभी ये मामला की जांच तमिलनाडु के सीबी-सीआईडी और मद्रास हाईकोर्ट की निगरानी के तहत चल रही है.