हजारीबाग: उन्नत व आधुनिक तकनीक के उपयोग से छोटे पैमाने पर घरेलू वातावरण में कृषि व कृषि के सहयोगी उद्यम अपनाकर पोषक उत्पादों की पैदावार विषय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं महिला कृषकों में क्षमता विकास हेतु कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार आयोजित हुई. कृषि विज्ञान केंद्र होलीक्रॉस हजारीबाग में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न प्रखंडों के 86 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं कृषक महिलाएं शामिल हुई.
बतौर मुख्य अतिथि महापौर रोशनी तिर्की ने प्रशिक्षण सत्र में उपस्थित महिलाओं को आधुनिक व वैज्ञानिक कृषि को अपनाकर महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर पोषक संतुलित आहार को घरेलू वातावरण में उत्पादन पर बल देते हुए महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़कर आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी हासिल करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि संतुलित आहार के स्थानीय स्रोतों का बेहतर उपयोग से कुपोषण, बेरोजगारी जैसी समस्या पर विजय हासिल की जा सकती है.
संस्थान के वरीय वैज्ञानिक निदेशक डॉ आर के सिंह ने कहा कि महिलाएं भी कृषि, बागवानी सहित अन्य रोजगारपरक व्यवसाय के तकनीक के बारे में अवगत हो यह संस्थान का प्रयास है. संतुलित आहार के स्थानीय स्रोतों का घरेलू स्तर पर उत्पादन से रोजगार के नए अवसर बनेंगे आयवृद्धि के साथ-साथ महिलाएं समृद्ध होगी पोषण की समस्या का भी समाधान हो सकेगा. उन्होंने पारंपरिक खेती के साथ-साथ मशरूम उत्पादन, बैकयार्ड पोल्ट्री से मुर्गी पालन, मत्स्यपालन, फल-सब्जियों की खेती, बागवानी आदि को व्यवसाय के रूप में अपनाने की सलाह देते हुए महिलाओं को प्रोत्साहित किया.
प्रशिक्षण सत्र में वैज्ञानिक डॉ प्रशांत वर्मा ने उन्नत कृषि प्रणाली की जानकारी देते हुए पोषण वाटिका मॉडल, जैव पोषण संवर्धन से विभिन्न किस्मो की जानकारी के साथ-साथ फलों, सब्जियों तथा बागवानी आदि की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने स्वस्थय एवं खुशहाल समाज के लिए महिलाओं एवं बच्चों में पोषक आहार के महत्व तथा पोषक आहार के विभिन्न स्रोतों के बारे में भी विस्तार से बताया.
इस दौरान पंचमाधव पंचायत के मुखिया हरेंद्र यादव, डॉक्टर अनिल, सत्यभामा, सिस्टर सजीता, सिस्टर अल्मा, डॉ संजीव कुमार, डॉ पुष्पेंद्र धाकड़ आदि ने भी पोषक आहार के महत्व व स्थानीय उत्पादन विधियों के बारे में महिलाओं को जानकारी प्रदान की.
प्रशिक्षण प्राप्त 86 महिलाओं को विभिन्न सब्जियों के बीज पैकेट व बिचड़े, आम का पौधा, इम्युनिटी बूस्टर आदि उपहार स्वरूप भेंट किया गया.