रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने लॉकडाउन में देशभर में सीमित संख्या में चलायी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में से 40 रेलगाड़ियों का भटक जाना रेलवे प्रशासन की व्यवस्था और प्रबंधन की पोल खोल कर रख जाता है.
उन्होंने कहा कि दो दिनों की जगह कई ट्रेनें नौ दिनों में अपने गंतव्य पर पहुंच रही है और इन ट्रेनों में सफर करने वाले प्रवासी श्रमिकों की भूख-प्यास और भीषण गर्मी में लू की चपेट में आने से मौत हो रही है. ऐसे समय में रेलमंत्री की चुप्पी शर्मनाक है, उन्हें प्रवासी श्रमिकों की मौत की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए तुरंत अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के भटक जाने को लेकर रेलवे प्रशासन द्वारा तर्कहीन दलील दी जा रही है कि अत्यधिक ट्रैफिक होने के कारण रूट डायर्वट किया गया. यदि अत्याधिक ट्रैफिक था, तो उस रूट में रेलगाड़ी के परिचालन को मंजूरी क्यों दी गयी, ट्रैफिक के दौरान जंक्शन और विभिन्न स्टेशनों पर रेलगाड़ियों को कुछ देर के लिए रोक कर आवागमन सुचारू किया जा सकता था, लेकिन ऐसा न कर प्रवासी श्रमिकों को आठ-नौ दिनों तक विशेष रेलगाड़ियों में ही भटकने के लिए छोड़ देना दुःखद है.
आलोक कुमार दूबे ने कहा कि उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सफर कर लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के हजारीबाग और पलामू में मौत की भी सूचना है. इसके अलावा भी कई अन्य हिस्सों में रेल सफर करने वाले यात्रियों की मौत की खबर है. केंद्र सरकार ऐसे सभी मृतकों के आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की घोषणा करें.