रांची: गिरिडीह के सांसद सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लॉक डाउन में देश के विभिन्न राज्यों में फंसे झारखंड के श्रमिक, मजदूर व लोगों को राशन मिल रहा है या नहीं और कही असुरक्षा में जीने को विवश तो नहीं है, इसको लेकर स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है. उन्होंने ने कहा कि सरकार यह भी बताए कि मजदूरों के साथ कहीं भेदभाव तो नहीं हो रहा है. फंसे मजदूर अपने राज्य की सरकार की ओर ध्यान लगाए बैठे हैं और अब तो स्थितियां यह हो गई है कि मजदूर अपने -अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की आलोचना भी करने लगे हैं.
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फंसे मजदूरों को यह लग रहा है कि उनके जनप्रतिनिधि तनिक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. बिल्कुल उदासीन बने हुए बैठे हैं और सरकार भी हमारी नहीं सुन रही है. इस लिहाज से हेमंत सोरेन सरकार को यह बताना चाहिए किस राज्य में कितने मजदूरों के बीच राहत सामग्री पहुंची है. मजदूर किस स्थिति में रहने को विवश हैं. जिस प्रकार से हैदराबाद, अहमदाबाद, सूरत व मुंबई में फंसे झारखंड के मजदूर अपने राज्य में आने के लिए सड़क पर निकल गए. इस स्थिति में झारखंड सरकार की जिम्मेवारी और जवाबदेही काफी बढ़ गई है.
झारखंड सरकार को सभी राज्यों की सरकार से यह पता करना चाहिए कि मजदूरों के हितों की रक्षा हो रही है या नहीं. यहां के डीसी एवं बनाए गए राज्यवार नोडल पदाधिकारी अलग-अलग राज्य के जिले के डीएम से बात कर सिर्फ औपचारिकता ना निभाएं बल्कि की गई कार्रवाई से अवगत भी कराएं क्योंकि यह अब आवश्यक हो गया है. हेमंत सोरेन सरकार अन्य राज्य सरकारों पर यह दबाव बनाएं की मजदूरों की हितों की रक्षा हर हाल में होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य यह भी है देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों की दुर्दशा जानने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए बनायी गयी मंत्रिमंडल उपसमिति के सदस्य मंत्री रामेश्वर उरांव और बन्ना गुप्ता राजनीतिक बयानबाजी में लगे हुए हैं. ऐसा लगता है की संवैधानिक दायित्व के निर्वहन के बजाय इन दोनों का काम बयान बहादुर बना रहना रह गया है.
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