रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि खाली खजाने को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग वाले सांसद जयंत सिन्हा और भाजपा नेताओं और दुमका और बेरमो उपचुनाव में जनता जवाब दे चुकी है और राज्य सरकार भी पिछले पांच वर्षां में विभिन्न विभागों में हुए घोटाले और घपले की एक-एक कर जांच की अनुमति दे दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ताओं ने जयंत सिन्हा के हेमंत सोरेन सरकार में खजाना खाली हो जाने के बयान को पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि कांग्रेस-झामुमो-राजद गठबंधन सरकार ने खजाना खाली किया, बल्कि करीब दस महीने पहले जब यूपीए की सरकार बनी, तो पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार से खजाना पूरी तरह से खाली मिला था , जिसका विस्तृत ब्यौरा सरकार की ओर से बजट सत्र के माध्यम से जनता के बीच रखने का काम किया था.
प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि एक ओर वैश्विक कोरोना महामारी संक्रमण काल में भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से अपेक्षित सहायता नहीं मिली, बल्कि संकट के समय में भी राज्य सरकार के खजाने से 1417करोड़ रुपये काट लेने का पाप किया गया. इतना ही नहीं, वायदे से मुकरते हुए केंद्र सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति का बकाया भुगतान भी समय पर नहीं कर रही है, वहीं विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर बकाया 45000 करोड़ रुपये के भुगतान के मामले में केंद्र सरकार ने चुप्पी साध ली है.
प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि देशभर में गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ केंद्र सरकार की ओर से भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है, कभी केंद्र सरकार की ओर से तीन-तीन मेडिकल कॉलेजों में नामांकन दाखिल के काम में अड़ंगा डाला जा रहा हैद्व तो कभी अन्य तरीके से झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों को परेशान किया जा रहा है.
प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि झारखंड को उधार लेने की सलाह देने वाले जयंत सिन्हा को पहले यह बताना चाहिए कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट क्यों हो गयी, देश का जीडीपी पहली तिमाही में 23 प्रतिशत नाकारात्मक में क्यों चला गया, कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए झारखंड जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों को कितनी सहायता मिली और भाजपा शासित राज्यों को कितनी सहायता मिली.