रांची : हुल दिवस के अवसर पर आदिवासी छात्र संघ के द्वारा डॉ रामदयाल मुंडा मैदान से लेकर सिदो कान्हो पार्क तक विरोध मार्च निकाला गया. इस दौरान सिदो कान्हो की प्रतिमा के समक्ष बैठकर रामेश्वर मुर्मू के हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई. आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि संथालों में एक परंपरा है कि किसी के घर मृत्यु होने पर एक माह कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इसी के तहत आज माल्यार्पण ना कर छात्र संघ आंदोलन के सभी क्रांति वीरों को नमन करने के साथ वीर शहीदों और उनके वंशजों के सम्मान में सिद्धू कान्हू प्रतिमा के समीप धरने पर बैठे हैं.
उन्होंने बताया कि इस विरोध मार्च का मुख्य उद्देश्य बीते 12 जून को सिदो कान्हो के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या कर दी गयी थी. इसे लेकर अभी तक सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नही उठाया गया है. छात्र संघ मांग करती है कि रामेश्वर मुर्मू हत्याकांड की सीबीआई जांच हो और आरोपी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो और कठोर से कठोर सजा मिले साथ ही साथ शहीदों के वंशजों को सरकारी नौकरी दी जाए.
मौके पर झारखंड ट्राईबल स्टूडेंट एसोसिएशन जेएनयू पूर्व अध्यक्ष संगम उरांव ने कहा कि 1855 के क्रांतिवीर के वंशज की हत्या हो जाती है और विगत 19 दिनों में कार्रवाई नहीं होती यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. तो एक आम आदिवासी मूल निवासी व्यक्ति की हत्या होती है तो उनकी सुरक्षा का क्या होगा. यह बहुत ही चिंतनीय समय है.
आदिवासी छात्र संघ डीएसपीएमयू अध्यक्ष सुमित उरांव ने कहा कि संथाल परगना में सिद्धू कानू के वंशजों ने विरोध दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था. जिसका सम्मान करते हुए आदिवासी छात्र संघ आज विरोध दिवस मनाया। इस विरोध मार्च में मुख्य रूप से आदिवासी छात्र संघ के मनोज उरांव, आर यू सचिव संदीप उरांव, रांची जिला अध्यक्ष प्रभात तिर्की, रातू प्रखंड अध्यक्ष रमेश मुंडा, रातू प्रखंड संयोजक दिलीप उरांव, रातू प्रखंड प्रवक्ता रोशन उरांव, रातू प्रखंड सचिव रोहित खलखो, कांके प्रखंड अध्यक्ष शिवम मुंडा, दीपक उरांव, अमित टोप्पो, मिथुन उराव, रवि तिग्गा, सिंघम सूरज, आलोक आशीष व अन्य छात्र संघ के सदस्य उपस्थित थे.