चाईबासा: झारखंड के आदिवासी बहुल्य पश्चिमी सिंहभूम जिले में मुख्य रूप से खरीफ के फसल के रूप में धान की खेती होती है, लेकिन हाल के वर्षों में प्रगतिशील किसानों द्वारा आर्थिक आय बढ़ाने के लिए सब्जी और अन्य किस्म की खेती की जा रही है. तांतनगर प्रखंड के पांच प्रगतिशील महिला किसानों ने ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से संचालित जेएसएलपीएस के महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना से जुड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है.
तांतनगर प्रखंड की ये पांच महिला किसान अलग-अलग गांव की है. जिसमें चुनाई चातर ग्राम काठभारी, शंकरी कुन्टिया ग्राम चिरची, रानी कुंकल और पार्वती कुंकल दोनों ग्राम टांगरपोखरिया और सुनीता सामड ग्राम गितिलादर शामिल हैं.
तांतनगर की ये सभी पांच प्रगतिशील महिला किसान ने टिशू कल्चर स्ट्रॉबेरी किस्म के पौधे की खेती 75 डिसमिल जमीन में की गयी है. इसकी सिंचाई सूक्ष्म टपक परियोजना से की जाती है. इन महिलाओं को जेएसएलपीएस द्वारा वैज्ञानिक एवं तकनीकी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. इसके साथ ही क्षेत्र के अन्य महिला किसानो को इससे जोड़ा जा रहा है.
स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे आदिवासी महिला किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन एवं जेएसएलपीएस पहल कर रहा है. अपने स्ट्रॉबेरी उत्पाद को लेकर समाहरणालय पहुंची महिला किसान सुनाय चातर और शंकरी कुन्टिया से उपायुक्त अरवा राजकमल, पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा, उपविकास आयुक्त संदीप वक्षी, बीडीओ अनन्त कुमार ने स्ट्राॅबेरी खरीद कर प्रोत्साहित किया. वर्तमान में स्ट्रॉबेरी 300 प्रति किलोग्राम बिक रहा है.