रांची: आज मोराबदी मैदान में पलामु क्रिकेट के भिसम्पितामह कहे जाने वाले हमारे पिता जी स्वर्गीय काजल कांति भद्रा के अभिन्न मित्र स्वर्गीय अशोक किशोर शरण (बाबली चाचा) को पलामु स्पोर्ट्स्मन के सभी सदस्यों ने अपने अध्यक्ष संजय रंजन सिंग (आईपीएस) और बाबली चाचा के बच्च्पन के मित्र सतेंद्र सिंग नामधारी के अगुवाई में श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
बड़े भावुकता पूर्ण महोल में सभी लोगों ने बाबली चाचा को याद किया और उनके बारे में आपने अपने अनुभवो को साझा किया. सतेंद्र सिंग नामधारी ने अपने बच्चन के दिनों को याद करते हुए कैसे साथ में क्रिकेट की शुरुआत की और कैसे बाक़ी के जीवन भर दोस्ती निभाई इसके बारे में बताया.
बरजेश कुमार सचिव पलामु स्पोर्ट्स्मन क्लब ने स्वर्गीय बाबली शरण जी को आपने और अपने मित्रों के द्रोणाचार्य कहा, अनूप लाल और जितेंद्र कुमार ने उनके अनुशासन का ज़िक्र किया की कैसे वे ख़ुद भी अन्नुशशित थे और सभी खिलाड़ियों को भी अनुशासन का पुर जोर पालन करवाते थे. राजेश सिंघ ने स्वर्गीय बाबली शरण जी का क्रिकेट नॉलेज की तारीफ की और कैसे किस गेंद को खेलेना है इसकी उन्हें काफी जानकारी थी.
मैं (रथीन भद्रा) मेरे लिए तो AK पिता तुल्य व्यक्ति थे बाबली अंकल बच्च्पन से इनके गोद में खेल कर बड़ा हुआ हूं, हमारे पिताजी के तो कई मित्र थे. वैसे चुकी उनकी मित्र मंडली काफी बड़ी थी, इसलिए पलामु में लोगों का भरपूर प्यार मिला मुझे विषेश कर पापा के चार मित्रों का बाबली चाचा, प्रेम भशिन चाचा, सतेंद्र सिंग नामधारी चाचा और कुलवंत सिंग चाचा ये चारों हमारे परिवार के हर सुख दुःख में शामिल हुए और चार मजबूत स्तम्भ के तरह हम लोगों को सहारा दिया.
मेरे पिता जी के गुजरने के बाद ये चारों लोग ने हर पल मुझे राह दिखाई. अपनी इनहि घरेलू बातो को ताजा किया स्वर्गीय बाबली शरण जी के कजिन भतीजे आकाश सिन्हा ने जिन्होंने बताया कि कैसे उनके पिताजी जो की AK जाने माने फुट्बॉल प्लेअर थे और अथिलिट थे ने बाबली शरण जी के साथ मिलके खेल को पलामु में प्रॉम्प्ट किया.
हमारे अध्यक्ष संजय रंजन सिंग (आईपीएस) और उनके क्लास मेट सतेंद्र सिंग (GM CCL) ने उनको याद करते हुए उन्हें लिटिल मास्टर कहा कि संजय रंजन सिंग ने उनकी तुलना गावस्कर साहेब से की और उन्हें पलामु का गावस्कर कहां और कई लोगों ने उनके बारे में बताया और उनके साथ बिताए हुए पलो को याद कर भाव विभोर हो गये.
आज की इन श्रद्धांजलि सभा की खासियत ये थी कि पलामु के चार जेनरेशन के खेलाड़ी मौजूद थे. उनको श्रद्धांजलि देने के लिए इसी से आप अंदाजा लगा लीजिए की डाल्टनगंज से करीब दो सो किलोमीटर दूर रांची के मोराबदी मैदान में आपने व्यस्त शेडुले से समय निकाल कर सभी कामों को छोड़ कर पलामु के चार जेनरेशन स्वर्गीय बाबली शरण चाचा को श्रद्धांजलि देने आये थे, क्या उनका महत्व है हम खिलाड़ियों के जीवन में.
आज के श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित थे: संजय रंजन सिंग, सतेंद्र सिंग नामधारी, गुरदयाल नामधारी, राजेश सिंग, बरजेश कुमार, शशि कुमार (जज साहेब), अनूप लाल, जितेंद्र कुमार (nanji), संजय चौबेय, सतेंद्र सिंग, आकाश सिन्हा, सुरेश अग्रवाल, पंकज सिंग, अमित कुमार (executive एंजिनीर), अमित सिंग, दिलीप सिंग, अमित कुमार (AG ऑफ़िस), दयानंद कुमार (पलीस इन्स्पेक्टर).
सबो ने दो मिनट का मौन रख कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना किया. अंत में अध्यक्ष महोदय ने प्रस्ताव रखा की AK टूर्नामेंट बाबली शरण जी के याद में रखा जाये, जिसके बारे में अगले बैठक वेबनियर थ्रू करके सभी का विचार लिया जाएगा.