रंजीत कुमार,
सीतामढ़ी: नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालय अध्यक्षों की मांगों को सरकार द्वारा दरकिनार किये जाने के खिलाफ सूबे के टीइटी एसटीइटी शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सेवाशर्त पर टीइटी एसटीइटी शिक्षकों की नाराजगी पर सरकार के कान खड़े दिख रहे हैं. विशेष शाखा पुलिस अधीक्षक पटना के हवाले से सूबे के तमाम जिलों के पदाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को शिक्षक आंदोलन के मद्देनजर सतर्क रहने निर्देश जारी हुआ है.
नियोजन के समय से ही सेवाशर्त से वंचित टीइटी एसटीइटी नियोजित शिक्षकों के उम्मीद पर सरकार ने पानी फेरने का काम किया है. सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए ऐच्छिक स्थानान्तरण, ग्रेच्युटी, बीमा, अर्जितावकाश समेत राज्यकर्मियों को हासिल सेवा-सुविधाओं से पल्ला झाड़ कर बेहद निराश किया है.
शिक्षकों ने इस नये सेवाशर्त को शिक्षकों को बंधुआ बनाये रखने का दस्तावेज करार दिया है. टीइटी एसटीइटी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष विकाश कुमार सिंह और जिला महासचिव रामलाल साह ने कहा कि शिक्षकों के लंबे संघर्ष के पश्चात जो नई सेवाशर्त नियमावली अधिसूचित की गई है, उससे टीइटी एसटीइटी शिक्षकों में घोर निराशा और आक्रोश व्याप्त है.
सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने न्यायिक निर्देश के पारा 78-80 में टीइटी उत्तीर्ण शिक्षकों को बेहतर वेतनमान एवं सेवाशर्त देने का सुझाव दिया था, जिसकी अनदेखी की गई है. संघ द्वारा दायर केस में माननीय उच्च न्यायालय,पटना ने राज्यकर्मी के दर्जे पर सरकार को निर्णय लेने का आदेश दिया हुआ है. ईपीएफ के लाभ हेतु न्यायादेश के विरुद्ध सरकारी अंशदान निर्धारण में मनमाना मापदंड बनाया गया है.
ग्रेच्युटी के संवैधानिक अधिकार से अब भी वंचित रखा गया है. सरकार की नियोजन नीतियों के कारण दूर दराज के जिलों में पदस्थापित पुरुष शिक्षकों को अंतरजिला ऐच्छिक स्थानांतरण से वंचित करना शोषण के समान हैशिशु देखभाल अवकाश से महिला शिक्षकों को वंचित रखना, उनके महिला एवं बाल अधिकरों के संवैधानिक अधिकार का उलंघन है.
ग्रुप बीमा से पूर्णतः वंचित रखा गया है. एसीपी एवं अन्य सेवा में जाने हेतु उम्र सीमा में छूट का उल्लेख भी सेवाशर्त में नही है. इसके अतिरिक्त चिकित्सावकाश, अर्जित अवकाश एवं अन्य सुविधाओं में भी राज्यकर्मियों से अंतर रखा गया है. प्रोन्नति के नियम में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के गाइडलाइंस का उलंघन किया गया है.
संगठन के जिला प्रवक्ता यशराज, कोषाध्यक्ष रितेश रंजन, सचिव मनीष कुमार झा (कार्यालय), अरविंद कुमार और जिला उपाध्यक्ष सुतीक्ष्ण किंकर, मिंटू पासवान, मनधीर कुमार और नितेश कुमार ने कहा कि सेवाशर्त में हकमारी और टीइटी शिक्षकों को अपमानजनक स्थितियों में धकेलनेवाली सरकार के खिलाफ शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे.
आगामी पांच सितंबर को सूबे के तमाम स्कूलों में शिक्षक संकल्प दिवस मनाया जायेगा. “बदला लो- बदल डालो” के नारे के साथ काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपना प्रतिरोध दर्ज करेंगे.