गोड्डा (पथरगामा): अचानक शुक्रवार की रात से शुरू हुई बरसात शनिवार को थम तो गई, परंतु इस बीच अपने कारनामे से किसानों की कमर तोड़ दी. तेज हवा के साथ अचानक हुई बरसात से सरसों की फसल लगभग बर्बाद हो गई.
गेहूं, सरसों, चना, अरहर, मसूर आदि ऐसे रब्बी फसल जिनका अभी फलन बाकी था, उन फसलों पर लगातार हुई बरसात और रात भर बदली छाए रहने से उसके फलन पर बेहद ही बुरा असर पड़ा है.
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उधर गन्ने की फसल भी इसके चपेट में आ गयी. पथरगामा के गन्ना किसान गुंजन मिश्रा और गुंजन यादव ने बताया कि वैसे भी समय पर बरसात नहीं होने के चलते गन्ना की फसल अच्छी नहीं हो पाई है. साल भर रखवाली करने के बाद अब जब उसकी पेराई करने का समय आया तो बेवक्त हुई बरसात ने गन्ने की पेराई भी ठप करा दी. अब जब तक जलावन नहीं सूख जाता तब तक गन्ने की पेराई बंद ही रहेगा. ऐसे में गन्ना की फसल वाले किसानों को अपने खेत को खाली करने में अभी और समय लग जाएगा.
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सुंदर मोर के भरत मांझी, अंबा संग्राम के अनिल सिंह, बाबूपुर के अवधेश सिंह, कपिल राय, श्यामलाल राय, पवन कुमार भगत, शंकर भगत, कर्पूरी साह आदि का मुआवजे की मांग के साथ कहना था कि इस बार धान का फसल एक छटांक भर भी नहीं हुआ है.
हम लोगों ने किसी प्रकार कर्जा लेकर रब्बी की खेती की अब वह भी बर्बाद हो गया. हम लोग कहीं के नहीं रहे. प्रखंड कृषि पदाधिकारी आशुतोष अंवष्ट का कहना है कि किसान लोग अंचल में आवेदन देकर राजस्व उपनिरीक्षक से क्षति का आकलन करवा लेने से मुआवजे की मांग को आगे बढ़ाने में सहूलियत होगी.