रांची: झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी की पार्टी रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी में विलय की दिशा में बढ़ रही है, वहीं भाजपा में विलय का सार्वजनिक तौर पर विरोध कर रहे झाविमो विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की नजदीकियां कांग्रेस से बढ़ी है.
राजनीतिक हलकों में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है. कांग्रेस में शामिल होने के बाद बंधु तिर्की और प्रदीप यादव में से किसी एक को पार्टी के कोटे से मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जा सकता है.
बताया जा रहा है कि झाविमो के भाजपा में विलय की संभावना का ही इंतजार किया जा रहा है, ताकि मंत्रिमंडल विस्तार के पहले ही झाविमो के दोनों विधायकों प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की स्थिति साफ हो सके.
बंधु तिर्की काफी पहले से कांग्रेस नेताओं के संपर्क में थे, जबकि प्रदीप यादव पहले भाजपा में ही जाने की संभावनाओं की तलाश में जुटे, लेकिन अब प्रदीप यादव ने भी भाजपा में शामिल होने के बजाय कांग्रेस में अपनी संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है. इस बात की उम्मीद जतायी जा रही है कि प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने से उन्हें कांग्रेस कोटे से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
इधर, झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने अपनी नयी कमेटी की घोषणा कर दी है, इस कमेटी में प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को शामिल नहीं किया गया है और बाबूलाल मरांडी ने सिर्फ अपनी करीबी नेताओं-कार्यकर्ताओं को ही पदाधिकारी बनाया है, ताकि पार्टी के भाजपा में विलय में कोई परेशानी न हो.
वहीं झाविमो ने विधानसभा चुनाव में हटिया में पार्टी प्रत्याशी शोभा यादव के विरूद्ध चुनाव प्रचार करने वाले विधायक बंधु तिर्की को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर 48 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है. जिस आनन-फानन में यह कदम उठाया गया है, उससे यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बंधु तिर्की को जल्द ही पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा.
विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव झाविमो में रहेंगे या किसी दूसरे में शामिल होंगे, इस मसले पर जल्द ही तस्वीर साफ हो जाने की संभावना है.