गिरिडीह: मलेशिया के जेल में 5 महीने से बंद बगोदर प्रखंड के पोखरिया के तीन प्रवासी मजदूरों में दो की वतन वापसी हो गई है. जबकि एक मजदूर अब भी मलेशिया के जेल में बंद हैं. मलेशिया से वापस लौटे मजदूरों में निर्मल महतो व चिंतामणि महतो दोनों सगे भाई शामिल हैं. दोनों के घर वापसी होने से परिजनों में उत्साह का माहौल है.
साथ हीं मजदूरों में भी खुशी है. बता दें कि पोखरिया के तीन मजदूर डेढ़ साल पूर्व हीं रोजी-रोटी की जुगाड़ के लिए टूरिस्ट वीजा पर मलेशिया गए थे. वीजा अवधि समाप्त होने पर पर तीनों को मलेशिया जेल में बंद रखा गया था. बताया कि वहां जेल में न सिर्फ समय पर खाना दिया जाता था बल्कि मारपीट तक भी की जाती थी.
इधर, दोनों सगे भाइयों के लौटने के बाद विधायक ने दोनों का हालचाल लिया. विधायक ने सीएम को लिखा था पत्र पिछले पांच महीने से मलेशिया में फंसे हुए मजदूरों की सकुशल वापसी और रिहाई को लेकर पिछले दिनों बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने सीएम को पत्र लिखा था.
विधायक के पत्र के आलोक में सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्रीय विदेश मंत्री को ट्वीट कर मामले की जानकारी देते हुए मजदूरों की रिहाई और वापसी की मांग की थी. तीनों मजदूर रोजी-रोजगार को लेकर मलेशिया गए हुऊ थे. वहां तीनों कार वाशिंग का काम करते थे. वीजा अवधि समाप्त होने पर तीनों को कैंप जेल में बंद कर रखा गया है.
बताया कि हम लोगों को सरकारी कार्यालय में कपड़ा धोने की बात कहकर ले जाया गया था मगर वहां कार धोने का काम कराया जाता था. 30 हजार मजदूरी देने की बात कही गई थी जबकि 20 हजार दिया जा रहा था. दो महीने का मजदूरी भी नहीं मिल पाया है.